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अब तक कुल गिरफ्तारों की संख्या हुई पांच
भुवनेश्वर। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पाकिस्तान स्थित खुफिया अधिकारियों को ओटीपी साझा करने वाले बड़े रैकेट के सिलसिले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान प्रीतम कर (31) के रूप में बताई गई है। इसको कल शनिवार को जाजपुर जिले से गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही मामले में अब तक कुल गिरफ्तारियों की संख्या पांच हो गई है। बताया गया है कि निष्कर्षों से पता चला है कि प्रीतम कर ने पहले सिम कार्ड और डेबिट कार्ड प्रदान किया था, जिसका उपयोग पिछले साल के मैंगलोर ऑटो विस्फोट में शामिल अभियुक्तों द्वारा किया गया था।
एसटीएफ अधिकारियों के अनुसार, कर अपने सहयोगियों के साथ साल 2017 से पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों और आईएसआई एजेंटों सहित साइबर अपराधियों को ओटीपी, खच्चर खातों को साझा करने में शामिल था।
पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों से मिला था
अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि आरोपी प्रीतम कर कम से कम दो पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों और आईएसआई एजेंटों के साथ सीधे संपर्क में था। वह कथित तौर पर उनसे दूसरे राज्यों में कई बार शारीरिक रूप से मिला था।
1.5 लाख रुपये प्राप्त किए
बताया गया है कि आरोपी ने कथित तौर पर ओटीपी, खच्चर खाते और डिजिटल वॉलेट बेचने के लिए 1.5 लाख रुपये प्राप्त किए थे। आरोपी अब तक हजारों प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड, ओटीपी बेच चुका था। वह 1000 रुपये प्रति सिम और 30,000 रुपये प्रति खच्चर खाते/डिजिटल वॉलेट चार्ज करता था।
विदेशी नंबरों पर व्हाट्सएप से होती वॉयस कॉल
अधिकारियों ने बताया कि आरोपी प्रीतम कर और उसके सहयोगी कई विदेशी नंबरों पर व्हाट्सएप के जरिए वॉयस कॉल करते थे। वह 113 सदस्यों और अन्य समूहों वाले एक व्हाट्सएप ग्रुप ‘ऑल सेविंग एसी अवेलेबल’ के एडमिन भी थे।
मई में तीन हुए थे गिरफ्तार
बताया गया है कि मई में एसटीएफ ने कुछ अपराधियों और देश विरोधी तत्वों के साथ ओटीपी बेचने और साझा करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। सूत्रों ने कहा कि आरोपियों में से एक आईटीआई शिक्षक है। इसके बाद 8 जून को एक और व्यक्ति को पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के साथ वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) साझा करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था।