कटक। ओडिशा हाईकोर्ट में वर्ष 2022 के मुकाबले वर्ष 2023 में मामलों के फैसले की दर में बढ़ोतरी हुई है। हाईकोर्ट में जहां वर्ष 2022 में 1 लाख 4 हज़ार 321 मामले दायर की गई थी, वही 1 लाख 36 हज़ार 599 मामलों का फैसला किया गया था। ऐसे में वर्ष 2022 में मामलों का फैसले के दर यानी केस क्लीयरेंस रेट 130.94 फ़ीसदी था जबकि इस साल के मई महीने के अंदर यह दर 133.82 फ़ीसदी में पहुंची है।
वर्ष 2023 के प्रारंभ से हाईकोर्ट में विचाराधीन मामलों की संख्या 1 लाख 64 हजार 771 था जबकि 31 मई को यह संख्या घट कर 1 लाख 46 हज़ार 415 में पहुंची है। पिछले 5 महीनों के अंदर हाईकोर्ट में 43 हज़ार 27 नए मामले दायर किया गया है जबकि 57 हजार 578 मामलों का फैसला किया गया है जिसमें 25 से 40 वर्ष पुराना 99 मामले, 10 से 25 साल पुराना 2153 मामले और 10 साल के अंदर दायर होने वाला 55 हजार 326 मामलों का फैसला किया गया है। इसलिए जितनी तादाद में मामले हाईकोर्ट में इस साल दायर किया गया है उससे काफी अधिक संख्या में मामलों का फैसला किया गया है। इस 5 महीने की अवधि के दौरान 1282 राय भी हाई कोर्ट के द्वारा प्रकाशित की गई है। हाईकोर्ट के विभिन्न खंडपीठ में मामलों की सुनवाई कर दी जाने वाली निर्देश के बाद राय प्रकाशित की गई थी। हाईकोर्ट में वर्ष 2023 जनवरी फरवरी-मार्च महीने में 20 दिन हिसाब से कोर्ट कार्य चला था जबकि अप्रैल में 17 दिन और मई महीने 15 दिन कोर्ट कार्य चला था।