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वीर सावरकर पुरस्कार से नवाजे गए प्रोफेसर कपिल कुमार
कटक। वीर सावरकर फाउंडेशन ने २०२३ का वीर सावरकर पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इतिहासकार प्रोफेसर कपिल कुमार को दिया। प्रोफेसर कपिल कुमार ने कहा कि भारतीय स्वाधीनता संग्राम के सभी महत्वपूर्ण इतिहास को कांग्रेसी इतिहासकारों ने इतिहास की पुस्तकों में जगह ही नहीं दी। ऐसा जानबूझकर किया गया। अन्यथा इतिहास में लिखना पड़ता कि देश में स्वाधीनता क्रांतिकारी आंदोलन के चलते मिली। इस निमित्त स्वाधीनता दिलाने का श्रेय वीर सावरकर व सुभाष चंद्र बोस को देना पड़ता। देश का क्या दुर्भाग्य है कि इतने महान स्वतंत्रता सेनानी सावरकर, जिसने सुभाष चंद्र बोस व रास बिहारी बोस के साथ मिलकर आजादी की लड़ाई लड़ी, उसको गांधी हत्या काण्ड में नेहरू ने मिथ्या फंसाया। इस बात की इंक्वरी कराने का आदेश दिया।
समाजसेवी किशनलाल भरतिया ने सभा की अध्यक्षता की। सामाजिक कार्यकर्ता विजय खंडेलवाल, नथमल चनानी ने अपने वक्तव्य रखे। कार्यक्रम को सफल बनाने में वीर सावरकर फाउंडेशन के अध्यक्ष इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नंदकिशोर जोशी, संयुक्त मंत्री राहुल खन्ना व सुभाष केड़िया के अलावा जोगेंद्र अग्रवाल,सज्जन मोदी,पवित्र मोहन दास, स्वदेश अग्रवाल आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाया।
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