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नए संसद भवन में मिला ओडिशा की कला को स्थान

  •  कई जगहों पर स्थापित हुए हैं कोणार्क सूर्य मंदिर के चक्र

  • सूर्य मंदिर और जगन्नाथ मंदिर के द्वार की तरह नई संसद के एक प्रवेश द्वार में हाथी और दूसरे प्रवेश द्वार पर लगे घोड़े

भुवनेश्वर। नई दिल्ली में बने नए संसद भवन में अन्य राज्यों के साथ-साथ ओडिशा की कला हो भी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। संसद भवन में कई जगहों पर कोणार्क सूर्य मंदिर के चक्रों को स्थापित किया गया है। इसके साथ ही श्री जगन्नाथ मंदिर के द्वार की तरह नई संसद के एक प्रवेश द्वार में हाथी और दूसरे में घोड़े को लगाया गया है।

बीजद सांसद भर्तृहरि महताब ने नई संसद में कोणार्क चक्र को प्रमुखता से स्थान दिए जाने को ओडिशा के लोगों के लिए बड़ी बात बताया है। उन्होंने बताया कि नई संसद में दो चीजों ने मुझे बहुत आकर्षित किया है। एक है कोणार्क सूर्य मंदिर का विशाल चक्र। यह कांस्य से बना है और औपचारिक द्वार के दाईं ओर स्थापित किया गया है, जिसके माध्यम से राष्ट्रपति बजट सत्र की शुरुआत में भाषण देने के लिए प्रवेश करेंगी। महताब ने बताया कि ओडिशा को उत्कल के रूप में भी जाना जाता है, जो इसकी जीवंत कला और स्थापत्य चमत्कारों की भूमि है और हमारा सूर्य मंदिर इसका गवाह है। पुरी में सूर्य मंदिर और जगन्नाथ मंदिर के द्वार की तरह, नई संसद के एक प्रवेश द्वार में हाथी हैं और दूसरे प्रवेश द्वार में घोड़े हैं। वहां यह भी लिखा गया है कि हाथी और घोड़ों की स्थापना ओडिशा से प्रेरित होकर की गई है। यह कोई छोटी बात नहीं है।

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी इसकी ओर इशारा किया है। अपने ट्विटर हैंडल पर उन्होंने बीजद सांसद भर्तृहरि महताब और भाजपा सांसद प्रताप षाड़ंगी के साथ उनकी दाईं ओर खड़े एक तस्वीर साझा की और कहा कि नई संसद ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का सबसे अच्छा उदाहरण है। लोकतंत्र के मंदिर में ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का सार है। कोणार्क सूर्य मंदिर के चक्र से प्रेरित यह पहिया जो ऊर्जा, कौशल और प्रगति का प्रतीक है, भारत की महिमा का प्रतिबिंब है।

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