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भुवनेश्वर राजभवन में वनबंधु संगम आयोजित
भुवनेश्वर।ओडिशा के एकल अभियान को प्रोत्साहन हेतु भुवनेश्वर राजभवन में कल वनबंधु संगम आयोजित किया गया जिसमें बतौर मुख्य अतिथि ओडिशा के महामहिम राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल ने योगदान दिया जबकि ओडिशा एकल अभियान के तहत एकल विद्यालयों को चलाने में आर्थिक सहायता देनेवाले दातागण,कार्यकर्तागण तथा एकल अभियान के अनेक हितैषीगण उपस्थित थे।लगभग डेढ घण्टे तक चले आदिवासी तथा वनांचल के बच्चों के दैनदिनी अनेक कार्यक्रम जैसेः गुरु प्रणाम,प्रार्थना,पठन-पाठन तथा अन्य पाठ्येत्तर कार्यकलापों का प्रदर्शन किया गया। स्वागत की औपचारिकता फ्रेण्ड्स ऑफ ट्राइबल सोसायटी भुवनेश्वर के अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने पूरी की। उन्होंने अपने स्वागतभाषण में यह बताया कि पुरी के जगन्नाथ भगवान जी की पहली पूजा विश्वाबसु ने की थी। जगन्नाथ संस्कृति के प्राण हैं भगवान जगन्नाथ। उन्होंने अपने स्वागत भाषण में ओडिशा के राज्यपाल प्रो.गणेशीलाल जी को एक संस्कृति पुरुष बताया जो जगन्नाथ संस्कृति तथा आदिवासी कल्याण के लिए वचनवद्ध हैं।
मनसुखलाल सेठिया ने अपने संबोधन में कंधमाल जिले के एक एकल विद्यालय की स्कूली शिक्षा की जानकारी वहां से आये हुए कुल 10 बच्चों के माध्यम से उनकी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से दी।राज्यपाल प्रो.गणेशीलाल जी ने अपने संबोधन में ओडिशा में एकल अभियान को सफल बनाने में दानदाताओं,कार्यर्ताओं,शिक्षकों तथा छात्र-छात्राओं के असाधारण योगदानों की सराहना करते हुए इस अभियान से अधिक से अधिक दानदाताओं को जुडने का निवेदन किया।अवसर पर एकल विद्यालयों के राष्ट्रीय स्तर पर खेल में असाधारण उपलब्धि प्राप्त करनेवाले बच्चों को पुरस्कृत किया।अपने संबोधन में राज्यपाल जी ने बताया कि राम और कृष्ण भी वनवासियों के कल्याण के लिए अवतार लिए और उनके हितार्थ कार्य किये। पुरी के जगन्नाथ भगवान भी शबर संस्कृति के प्राण हैं।आज एकल अभियान को ओडिशा में तन,मन और धन से सहयोग देने की आवश्यकता है।आयोजन को सफल बनाने में एफटीएस,भुवनेश्वर चाप्टर के अध्यक्ष अजय अग्रवाल,सचिव महेंद्र सिंह जैन,प्रकाश भुरा कार्यक्रम के संयोजक आदि का रहा। आभार व्यक्त किया ओडिशा ग्रामसंगठन के अध्यक्ष अशोक मुदुली ने।