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पुरी रेलवे स्टेशन से चार गिरफ्तार
भुवनेश्वर। ओडिशा कमिश्नरेट पुलिस ने छिनतई गैंग का पर्दाफाश करते हुए आज यहां पुरी रेलवे स्टेशन से चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। बताया जाता है कि राजधानी में कई मामलों में ये शामिल थे। आरोपियों की पहचान प्रदीप कुमार (38), विकास, (28), रवि कुमार, (35) और बाबू राम (37) के रूप में हुई है। सभी आरोपी शामली, उत्तर प्रदेश से हैं। इन्हें सोने की चेन छीनने के मामलों की जांच के दौरान पकड़ा गया है। सुबह के समय दो बाइक सवार बदमाशों ने मॉर्निंग वॉक करने वाली महिला से मारपीट की थी। जांच के दौरान पाया गया कि गिरोह बालेश्वर, भद्रक, कटक, भुवनेश्वर, पुरी से संचालित हो रहा था और राज्य के कई जिलों में 28 मामलों में वांछित था।
गिरफ्तारी के बाद कमिश्नरेट पुलिस ने एक विज्ञप्ति में बताया कि गिरोह के सदस्य उत्तर प्रदेश के शामली से हैं और दिल्ली में ट्रांजिट बेस वाले विभिन्न राज्यों के सभी महत्वपूर्ण शहरों में काम करते हैं। उनके पास एक अनूठा तरीका है और वे बावरिया गैंग के नाम से प्रसिद्ध हैं। पेशेवर अपराधियों के रूप में अत्यधिक खूंखार, गिरोह के सदस्य अपराध करने के लिए मोटरसाइकिल का उपयोग करते हैं और नंबरों को खरोंच कर नंबर प्लेट से छेड़छाड़ करते हैं और वाहनों को भी बदलते हैं। वे सुबह-सुबह बाहर निकलने पर महिला मॉर्निंग वॉकर्स की सोने की जंजीरों को निशाना बनाते हैं और पल भर में स्नैचिंग के बाद फरार हो जाते हैं। वे अपनी मोटरसाइकिल को पार्किंग क्षेत्र में पार्क करते थे और सुबह के समय अपराध करने के लिए इसका इस्तेमाल करते थे। पुलिस के पीछा और गिरफ्तारी से बचने के लिए सदस्य होटलों में रहते थे और अपराध के बाद एक शहर से दूसरे शहर में अपना ठिकाना बदलते हैं। वे चुराए गए सोने को यूपी में खपाते थे। 15 से 20 दिनों के समय के अंतर में उसी प्रक्रिया को दोहराते हैं। गिरफ्तारी के साथ ही करीब 200 ग्राम वजन की 16 सोने की चेन, दो दोपहिया वाहन, इतने ही मोबाइल फोन समेत अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने और चोरी की गई सोने की चेन की बरामदगी के प्रयास जारी हैं। पुलिस ने यह भी बताया कि गिरोह पहले इस साल फरवरी-मई और पिछले साल जून-अगस्त के दौरान ओडिशा में सक्रिय था। गिरफ्तारियां अपराध पैटर्न, उनकी आवाजाही, संचालन के क्षेत्र और सीसीटीवी रिकॉर्ड के अध्ययन के बाद की गईं। मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है।
विज्ञप्ति में कहा गया कि बावरिया हत्या, बलात्कार, चोरी, सड़क डकैती, चेन स्नैचिंग, घर में डकैती के साथ बलात्कार और हत्या जैसे अपराधों के लिए कुख्यात हैं और उनका नाम लोगों को डराने के लिए काफी है। ऑपरेशन बावरिया साल 1995-2006 के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग के पास आवासीय क्षेत्रों में प्रचलित संगठित डकैती, हत्या और डकैती के खिलाफ तमिलनाडु पुलिस द्वारा चलाया गया एक ऑपरेशन था, जो लॉरी चालकों के एक कुख्यात समूह द्वारा किया गया था, जो बावरिया समुदाय के थे।