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भुवनेश्वर में शून्य शैडो डे का अनुभव

  •  सुबह 11:43 बजे नहीं बनी किसी वस्तु की छाया

भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आज रविवार को सुबह 11:43 बजे जीरो शैडो डे का अनुभव हुआ। इस दौरान किसी भी खड़ी वस्तुओं की कोई परछाई नहीं बनी। बताया गया है कि इस दौरान सूर्य धरती के एकदम ऊपर सीधे था और इसलिए छाया सीधे वस्तु के नीचे थी। इस दुर्लभ घटना को देखने के लिए बच्चों सहित बड़ी संख्या में लोग पठानी सामंत तारामंडल में उमड़ पड़े। पठानी सामंत तारामंडल के उपनिदेशक सुभेंदु पटनायक ने कहा कि जीरो शैडो डे साल में दो बार किसी विशेष स्थान पर होता है। आज भुवनेश्वर में सुबह 11:43 बजे सूर्य ठीक सिर के ऊपर पहुंच गया था और किसी भी लंबवत वस्तु की छाया उस क्षण नहीं बनी। यह घटना शहर में 2 से 3 मिनट तक देखी गई। उन्होंने कहा कि कटक शहर 22 मई को सुबह 11.30 बजे जीरो शैडो डे का गवाह बनेगा।

उल्लेखनीय है कि उत्तरायण (शरद संक्रांति से ग्रीष्म संक्रांति तक दक्षिण से उत्तर की ओर सूर्य की गति) और दक्षिणायन (उत्तर से दक्षिण की ओर वापस) होता है, क्योंकि पृथ्वी का घूर्णन अक्ष सूर्य के चारों ओर क्रांति के अक्ष पर लगभग 23.5 डिग्री के कोण पर झुकी हुई है। पटनायक ने समझाया कि सूर्य की गति पृथ्वी के भूमध्य रेखा के 23.5 डिग्री उत्तर से 23.5 डिग्री दक्षिण तक होती है और वापस आती है। वे सभी स्थान जिनका अक्षांश उस दिन सूर्य के स्थान और भूमध्य रेखा के बीच के कोण के बराबर होता है, वहां उस दिन दोपहर में किसी वस्तु की छाया नीचे बनती है। इसलिए इस दिन शून्य छाया दिवस का अनुभव होता है।

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