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कहा- इस मामले में अपने गिरेबान में झांके मुख्यमंत्री
बिश्वाल ने कहा कि मुख्यमंत्री महिलाओं को असम्मान करने की कौन सी बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल के सदस्य तथा श्रम मंत्री के खिलाफ एक महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया था, लेकिन इसके बाद भी पुलिस में मामला पंजीकृत नहीं हो पाया। ममिता मेहेर हत्या मामले में भी एक मंत्री के खिलफ आरोप लगा था, लेकिन इस मामले में भी उनके मंत्री का कुछ नहीं हुआ। इसी तरह जाजपुर के स्मिताराणी बिश्वाल के साथ बीजद नेताओं ने जो किया और उसे बाद में आत्महत्या का रुप दे दिया गया। इस मामले में भी कुछ नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि पिपिलि व कुंदुली में सामूहिक दुष्कर्म मामले में क्या हुआ, राज्य की जनता भलीभांति जानती है।
उन्होंने कहा कि महिला विरोधी हिंसा के मामले में ओडिशा पूरे देश में दूसरे नंबर पर है। देश में महिला विरोधी हिंसा जहां 8.3 प्रतिशत कम हुआ है, वहीं राज्य में यह 9.9 प्रतिशत बढ़ा है। यह सब आधिकारिक आंकड़े हैं। उन्होंने कहा कि देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सभा में बिजली काट दी गई। उन्होंने कहा कि यह सब उपरोक्त उदाहरण महिलाओं का सम्मान है क्या।