कोरापुट। सांख्यिकी विभाग, सीयूओ ने सुनाबेड़ा स्थित अपने परिसर में ’21 वीं सदी की सांख्यिकी: नई चुनौतियां और अवसर’ पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया। विशेष व्याख्यान के लिए बिधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल के प्रोफेसर अनुरूप मजूमदार और रावेंशॉ विश्वविद्यालय, कटक के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ महेश कुमार पंडा ने मुख्य वक्ता और अतिथि वक्ता के रूप में भाग लिया। विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर चक्रधर त्रिपाठी ने अपनी शुभकामनाएं दीं और आशा व्यक्त की कि छात्र 21वीं सदी की सांख्यिकी में नई चुनौतियों और अवसरों की कई विशेषताओं को सीखेंगे। विश्वविद्यालय के सलाहकार (अकादमिक और प्रशासन), प्रोफेसर सुधेदु मंडल ने इस अवसर पर सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लिया और भारत में सांख्यिकी के इतिहास के बारे में अपने बहुमूल्य विचार साझा किए। अर्थशास्त्र के सहायक प्रोफेसर और सांख्यिकी विभाग के प्रमुख बिस्वजीत भोई ने स्वागत भाषण दिया।
प्रो मजूमदार ने ‘टॉप्सआईएस पद्धति का उपयोग करके विभिन्न विकल्पों की रैंकिंग के लिए मल्टीपल क्राइटेरिया डिसिजन मेकिंग (एमसीडीएम) दृष्टिकोण के अनुप्रयोग’ पर बात की। उन्होंने सांख्यिकी में अनुप्रयोगों का उपयोग करने में विभिन्न तरीकों और दृष्टिकोणों पर प्रकाश डाला। उनकी बात छात्रों और शोध विद्वानों दोनों के लिए बहुत जानकारीपूर्ण थी।
डॉ पांडा ने ‘मशीन लर्निंग का परिचय’ पर एक मौलिक और सूचनात्मक भाषण दिया। अपने भाषण में उन्होंने बताया कि आज की वैश्वीकृत दुनिया में कैसे मशीन लर्निंग चिकित्सा विज्ञान, व्यवसाय, उद्योग आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
इस अवसर पर भाषा संगृति विद्यापीठ के डीन प्रो एन सी पांडा, डॉ सुमन दास, डॉ विद्याधर बिशी, डॉ सुभाष पटनायक, डॉ बीरेंद्र सारंगी और जनसंपर्क अधिकारी डॉ फागूनाथ भोई सहित विभिन्न विभागों के संकाय, शोधकर्ता और छात्र उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सांख्यिकी विभाग की छात्रा समिधा बिस्वाल ने किया, जबकि विशिष्ट अतिथियों का स्वागत विभाग के छात्रों ने किया। सांख्यिकी विभाग की व्याख्याता डॉ. कल्याणी सुनानी ने विशेष व्याख्यान में उपस्थित सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।