प्रो मजूमदार ने ‘टॉप्सआईएस पद्धति का उपयोग करके विभिन्न विकल्पों की रैंकिंग के लिए मल्टीपल क्राइटेरिया डिसिजन मेकिंग (एमसीडीएम) दृष्टिकोण के अनुप्रयोग’ पर बात की। उन्होंने सांख्यिकी में अनुप्रयोगों का उपयोग करने में विभिन्न तरीकों और दृष्टिकोणों पर प्रकाश डाला। उनकी बात छात्रों और शोध विद्वानों दोनों के लिए बहुत जानकारीपूर्ण थी।
डॉ पांडा ने ‘मशीन लर्निंग का परिचय’ पर एक मौलिक और सूचनात्मक भाषण दिया। अपने भाषण में उन्होंने बताया कि आज की वैश्वीकृत दुनिया में कैसे मशीन लर्निंग चिकित्सा विज्ञान, व्यवसाय, उद्योग आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
इस अवसर पर भाषा संगृति विद्यापीठ के डीन प्रो एन सी पांडा, डॉ सुमन दास, डॉ विद्याधर बिशी, डॉ सुभाष पटनायक, डॉ बीरेंद्र सारंगी और जनसंपर्क अधिकारी डॉ फागूनाथ भोई सहित विभिन्न विभागों के संकाय, शोधकर्ता और छात्र उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सांख्यिकी विभाग की छात्रा समिधा बिस्वाल ने किया, जबकि विशिष्ट अतिथियों का स्वागत विभाग के छात्रों ने किया। सांख्यिकी विभाग की व्याख्याता डॉ. कल्याणी सुनानी ने विशेष व्याख्यान में उपस्थित सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।