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साल 1999 के सुपर साइक्लोन के बाद 2019 में फनी ने रची विनाश की लीला
भुवनेश्वर। गर्मी के मौसम में आने वाले चक्रवाती तूफानों ने जमकर तबाही मचाई है। हालांकि प्रशासनिक सतर्कता और जनजागरुकता ने जन हानि को कम किया है, लेकिन पेड़-पौधे और घरों को पहुंची क्षति आर्थिक कमर को तोड़ देती है।
चक्रवात के कारण हर साल ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में लाखों लोगों के जीवन और आजीविका प्रभावित होती है। प्राकृतिक आपदाओं के साथ चक्रवाती गतिविधियों के प्रति ओडिशा संवेदनशील है।
अब एक बार फिर गर्मी के महीने मई में सभी मौसम मॉडल ने एक और चक्रवाती तूफान की संभावना जताई है, तो बीती तबाही का मंजर सबसे सामने घूमने लगा है। सरकार ने समीक्षा बैठक करने के साथ ही जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा है। 18 जिलों में कंट्रोल रूम तैयार हो गए हैं। ओडिशा के 11 विभाग भी हाई अलर्ट पर हैं। एनडीआरएफ की 17 और ओड्राफ की 20 टीमों भी किसी भी परिस्थियों से निपटने के लिए तैयार हैं। लगभग 1000 चक्रवात आश्रय स्थल तैयार हैं और स्कूल भवनों सहित अधिक सुरक्षित स्थानों की पहचान की गई है।
मई महीने में चक्रवात आने का सिलसिला साल 2019 से देखने को मिलता है। साल 2019 में बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान फनी ने ओडिशा में लैंडफॉल करते हुए जमकर विनाशलीला रची। 3 मई, 2019 को चक्रवात फनी ने लगभग 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ओडिशा तट पर पुरी के दक्षिण में लगभग 8 बजे लैंडफाल किया।
फनी ने ओडिशा में इससे पहले साल 1999 में आए सुपर साइक्लोन की याद दिलाई, जिसके बाद से राज्य में सबसे अधिक तबाही हुई थी। साल 1999 में आया सुपर साइक्लोन सबसे खराब उष्णकटिबंधीय चक्रवात था, जिसमें लगभग 10,000 लोग मारे गए थे।
फनी के चार बीतने आईएमडी के वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने इसकी तबाही का जिक्र ट्विटर पर किया। फनी ने अब तक का सबसे तीव्र चक्रवाती तूफान था। इसने ओडिसा की राजधानी भुवनेश्वर के साथ-साथ पुरी और कटक समेत कई शहरों को तबाह कर दिया था।
फनी से 9,336.26 करोड़ रुपये का नुकसान
राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, चक्रवात फनी से राज्य में अनुमानित 9,336.26 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। चक्रवाती तूफान ने ओडिशा के 14 तटीय जिलों में 20,367 गांवों को तबाह कर दिया। इसके अलावा, चक्रवात ने 1.6 करोड़ लोगों को प्रभावित किया और 1.88 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचाया। इसके साथ ही चक्रवात में कुल 5,56,761 घर या तो पूरी तरह से या गंभीर रूप से या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए थे। 64 लोगों की जान चली गई थी। बारह लोगों को गंभीर चोटें आईं और चक्रवात ने 2,650 बड़े जानवरों, 3,631 छोटे जानवरों और 53,26,905 पोल्ट्री पक्षियों की जान ले ली।
फनी के बाद मई में आए तूफान
फनी चक्रवात के एक साल बाद 2020 में चक्रवात अम्फान 12 से 21 मई के बीच पश्चिम बंगाल और ओडिशा से गुजरा।
साल 2021 के मई में दो चक्रवात
साल 2021 में देश में कुल दो चक्रवात आए थे, जिसमें से जवाद दिसंबर के महीने में आया था, जबकि तीन चक्रवात मई महीने में आए थे। साल 2021 में आए तीन शक्तिशाली तूफानों ने देश में सबसे ज्यादा कहर ढाया था। इनमें पहला चक्रवाती तूफान ‘तौकते’ था, जिसने 17 मई को गुजरात में दस्तक दी थी। इसकी वजह से देश में करीब 258,000 लोगों को विस्थापित होना पड़ा था। इसका असर देश के पांच राज्यों में दिखा था।
इसके एक सप्ताह से भी कम समय में बंगाल की खाड़ी में एक नए चक्रवात ‘यास’ ने बनने की शुरुआत की थी। इस तूफानन ने देश में 22,25,600 लोगों को बेघर कर दिया था। वहीं 26 सितंबर को आंध्र प्रदेश और ओडिशा में चक्रवात ‘गुलाब’ ने अपना कहर ढाया था, जिसकी वजह से करीब 50 हजार लोग विस्थापित हुए थे।
साल 2022 में चक्रवात असानी ने 7-11 मई के दौरान 119 किमी प्रति घंटे की हवा की गति के साथ ओडिशा में लैंडफॉल किया था।