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सुप्रीम कोर्ट में श्री जगन्नाथ मंदिर सुनवाई स्थगित

  • अनुपालन की प्रगति पर अब सुनवाई 8 अप्रैल को

नई दिल्ली/भुवनेश्वर। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पुरी श्री जगन्नाथ मंदिर से संबंधित अपने निर्देशों के अनुपालन की प्रगति पर सुनवाई 8 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी है। बताया जाता है कि एमिकस क्यूरी रंजीत कुमार ने श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट के माध्यम से जाने के लिए और समय मांगा है।

गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने 4 नवंबर, 2019 को कटक की एक वकील मृणालिनी पाढ़ी की सुरक्षा के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को धर्मस्थल की स्थिति में सुधार, संरक्षण और प्रभावी प्रशासन के लिए 25 निर्देश जारी किए थे।

29 मार्च को, जस्टिस एमआर शाह और सीटी रविकुमार की दो सदस्यीय पीठ ने ओडिशा सरकार से चार सप्ताह में अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था। बेंच ने अपने आदेश में लिखा था कि आज तक हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि किन शर्तों का पालन किया गया है और किन का नहीं। मामले की अगली सुनवाई एक मई को मुकर्रर की गई।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने एसजेटीए के लिए पूर्णकालिक मुख्य प्रशासक की नियुक्ति की समय सीमा दिसंबर 2023 तक बढ़ाने की राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी।

अदालत ने कहा कि सेवायतों द्वारा दैनिक अनुष्ठानों में बाधा अक्षम्य है और एसजेटीए को जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया। इसने मंदिर प्रशासन को सेवायतों के बच्चों के लिए एक स्कूल स्थापित करने का भी निर्देश दिया।

तदनुसार, एसजेटीए ने एक पूर्णकालिक मुख्य प्रशासक की नियुक्ति, दैनिक अनुष्ठानों और त्योहारों की निगरानी के लिए एक आईएएस अधिकारी को अधिकार, गुरुकुल सेवाश्रम खोलने, और भगवान श्री जगन्नाथ की भूमि और संपत्ति के विवरण के साथ एक 33-पृष्ठ का हलफनामा प्रस्तुत किया था।

इस बीच, ओडिशा के महाधिवक्ता अशोक कुमार परिजा ने सोमवार को सोमवार को श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक के रूप में 2007 बैच के आईएएस अधिकारी रंजन कुमार दास की नियुक्ति पर एक रिपोर्ट पेश की।

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