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मन की बात देश व देशवासियों के प्रति समर्पित एक अनन्य कार्यक्रम – राज्यपाल
भुवनेश्वर। राजभवन में मन की बात के 100वें अध्याय पर विशेष प्रसारण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। राजभवन के न्यू अभिषेक हाल पर प्रसार भारती, पत्र सूचना कार्यालय व भुवनेश्वर दूरदर्शन केन्द्र के सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल प्रो गणेशीलाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात एक अनन्य कार्यक्रम है। यह देश व देशवासियों के लिए पूर्ण रुप से समर्पित है। 100वें एपिसोड में पहुंचने वाले मन की बात कार्यक्रम के जरिये प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्र के प्रधान सेवक के रुप में अपने विचार, संपूर्ण मानविकता के कल्याण के लिए मानसिकता के जरिये देश के करोड़ों भारतीयों के साथ जुड़े हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा लोगों से विभिन्न विषयों पर प्रस्ताव, सलाह व मत आदि मंगाते हैं तथा उसमें से जो ग्रहणीय होता है उसे देश की जनता के बीच रखते हैं। यह लोकतांत्रिक मूल्यों का परिचायक है।
उन्होंने कहा कि स्वाधीनता के 75 वर्ष गर्व व आह्वान का समय है। आगामी 25 साल अमृतकाल का समय है। इस असीम संभावना व परिवर्तन के समय का सदुपयोग कर राष्ट्र के स्वाधीनता के शतवार्षिकी के स्मरणीय तरीके से मनाया जाए।
उन्होंने कहा कि मन की बात कार्यक्रम में देश में परिवर्तन लाने वाले लोगों के जीवन व कार्यों की कहना की प्रधानमंत्री ने मन की बात के जरिये देशवासियों के सामने रखा है। इसमें से ओडिशा के भी अनेक प्रेरणादायी व्यक्तित्व शामिल हैं।
जनजाति संप्रदाय के लोगों के विकास के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने अनेक कार्यक्रम व योजना का शुभारंभ किया है। भगवान विरसा मुंडा की जयंती को जनजाति गौरव दिवस के रुप में मनाने के लिए घोषणा करना उनके इस प्रतिवद्धता को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री मन की बात के जरिये वसुधैव कुटुंबकम के आधार पर भारतीयों के तौर पर सभी को प्रेम करने तथा हमारा परिवार एक परिवार व भारतीय संस्कृति के सुगंध से सभी के हृदय को जीतने के लिए हमेशा महत्व देते आ रहे हैं।
जन भागिदारी के माध्यम से राष्ट्र निर्माण मन की बात कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।
इस विशेष कार्यक्रम के प्रारंभ में पत्र सूचना कार्यालय के संयुक्त निदेशक डा गिरीश चंद्र दाश ने स्वागत भाषण दिया। भुवनेश्वर दूरदर्शन केन्द्र के उप महानिदेशक रिजवन अखतर ने धन्यवाद दिया।
मन की बात कार्यक्रम में स्थान प्राप्त करने वाले ओडिशा के कुनी देहुरी, अमरेश सामंत, राहुल महारणा, विजय कुमार कवि ने अपना अनुभव इस कार्यक्रम में साझा किया।
इससे पूर्व इस संबंध में एक फोटो प्रदर्शनी का राज्यपाल ने उदघाटन किया।