Home / Odisha / आदिवासी बच्चों के लिए कीस विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं पर झारखंड सरकार फिदा

आदिवासी बच्चों के लिए कीस विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं पर झारखंड सरकार फिदा

  • मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की कीस की तर्ज पर मुफ्त आवासीय विद्यालय  खोलने की घोषणा

  • कीस विश्वविद्यालय का दौरा कर कार्यपद्धति का किया अवलोकन

हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर। 

आदिवासी बच्चों के लिए ओडिशा के कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोसियल साइंसेस (कीस) की व्यवस्थाओं पर झारखंड सरकार फिदा हो गई है। झारखंड के मुख्यमंत्री ने खुद कीस का दौरान कर कार्यपद्धति का अध्ययन किया और कीस की तर्ज पर झारखंड में मुफ्त आवासीय विद्यालयों की स्थापना करने की घोषणा की। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने शुक्रवार को एक दिवसीय ओडिशा प्रवास के दौरान भुवनेश्वर में की है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का यह दौरा पूरी तरह से कीस की व्यवस्थाओं के अध्ययन को लेकर समर्पित रहा और उन्होंने कहा भी कि अच्छे प्रयासों का अनुकरण, अनुसरण और सराहना की जानी चाहिए।

भुवनेश्वर हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद दंपत्ति सोरेन ने सबसे पहले महाप्रभु लिंगराज के दर्शन करने के बाद कीस विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे। यहां पर आदिवासी बच्चों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों और नृत्य के साथ हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना मुर्मु सोरेन का भव्य स्वागत किया। इस दौरान हेमन्त सोरेन ने बच्चों के साथ मिलकर उनकी भावनाओं का स्वागत स्वीकार किया तथा अपने दौरे को लेकर लगाए फलक का अनावरण किया। कीस परिसर में आयोजित कार्यक्रम में हेमन्त सोरेन का भव्य स्वागत कीट-कीस के संस्थापक और सांसद डा. अच्युत सामन्त ने किया। इससे पहले अपने आदिवासी भाषा के संबोधन से परिसर में उपस्थित लगभग 30 हजार से अधिक आदिवासी बच्चों से माटी का नाता जोड़ा।

अपने भाषण की शुरूआत में कीस की व्यवस्थाओं और वहां मौजूद बच्चों की करतल की ध्वनि से मुग्ध हेमन्त सोरेन कुछ मिनटों तक स्तब्ध दिखे। अपने संबोधन से पहले हेमन्त सोरेन की नजरें उनके समक्ष बैठे 30 हजार से अधिक बच्चों को निहारती रही। कुछ मिनटों के बाद हेमन्त सोरेन ने अपना संबोधन आदिवासी भाषा में शुरू किया और लगभग 10 मिनट तक आदिवासी बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए जिंदगी का पाठ पढ़ाया।

इस दौरान हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज से 17 से 18 वर्ष पहले वह जब इस इलाके में आए थे तो यह घना जंग था लेकिन आज कीट-कीस का यह परिसर ओडिशा की राजधानी की सबसे महंगी जगह के रूप में तब्दील हो गई है। उनका संकेत ना सिर्फ इस क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास की ओर था अपितु लाखों परिवारों के साथ जुड़े कीट-कीस और कीम्स के माध्यम से देश की प्रतिभाओं को निखारने के प्रति था। अपने संबोधन में हेमन्त सोरेन ने बताया कि आज वह खास तौर पर कीस के तर्ज पर झारखण्ड में भी विद्यालय खोलने की योजना बना रहे हैं और इसके लिए उन्होंने खुद व्यवस्था को देखने-समझने को यहां आए हैं।

उन्होंने कहा कि कीट-कीस और कीम्स के संस्थापक के जज्बे को मैं सैल्यूट करता हूं और उनकी कार्यशैली और व्यवस्थाओं के अनुसरण के आधार पर झारखंड में भी ऐसे विश्व विद्यालय की परिकल्पना को साकार करेंगे। इस दौरान उन्होंने कीस के लिए अपने एक माह का वेतन दान करने की घोषणा की। इस दौरान हेमन्त सोरेन ने डा. अच्युत सामन्त के प्रयासों की सराना की और कहा कि अच्छे विचारों और प्रयासों का अनुकरण , अनुसरण और सराहना करनी चाहिए। इसी के तहत आज मैं यहां पर कीस विश्व विद्यालय की व्यवस्थाओं का अनुकरण करने के लिए आया हूं।

Share this news

About desk

Check Also

कटक में ओडिशा सतर्कता फारेस्ट विंग की बड़ी कार्रवाई

लगभग 12 लाख रुपये की अवैध आरा मशीन और कीमती लकड़ी जब्त की भुवनेश्वर। अवैध …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *