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कंपनियों को बिना वैध लाइसेंस के राज्य में संचालन की अनुमति नहीं
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24×7 कॉल सेंटर संचालित करना भी अनिवार्य, सभी कंपनियां होंगी जांच के दायरे
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने यात्रियों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा पर अधिकतम जोर देते हुए राज्य में संचालित ऑनलाइन कैब कंपनियों के लिए एक दिशानिर्देश जारी किया है।
दिशानिर्देशों के अनुसार, ऑनलाइन कैब कंपनियों को बिना वैध लाइसेंस के राज्य में संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा उन्हें ड्राइवरों के बारे में विस्तृत जानकारी राज्य परिवहन विभाग को प्रदान करने की आवश्यकता होगी। यात्रियों की शिकायतों को दूर करने के लिए कैब कंपनियों के लिए 24×7 कॉल सेंटर संचालित करना भी अनिवार्य होगा।
इसके बाद ओडिशा में संचालित सभी ऑनलाइन कैब कंपनियां, जैसे ओला, उबर और ओडिकैब सरकार की जांच के दायरे में होंगी।
दिशानिर्देश लाने वाला देश का छठा राज्य
लाइसेंस देने के लिए ऐप-आधारित वाहनों को राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) के साथ पंजीकृत होना होगा। यह जानकारी यहां ओडिशा परिवहन विभाग द्वारा इस संबंध में जारी एक अधिसूचना में दी गई, जिसमें ओडिशा ऑन डिमांड ट्रांसपोर्टेशन एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस का उल्लेख है। संयोग से ओडिशा इस तरह के दिशानिर्देश लाने वाला देश का छठा राज्य है।
कंपनियों को सुरक्षा राशि जमा करनी होगी
राज्य सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, ऑनलाइन एग्रीगेटर्स को लगभग 1,000 कैब और बाइक के संचालन के लिए एसटीए को 1 लाख रुपये की सुरक्षा राशि जमा करनी होगी। इसी तरह 10 हजार वाहन चलाने के लिए 10 लाख रुपये जमा करने होंगे।
25,000 रुपये में होगा लाइसेंस का नवीनीकरण
उनके लाइसेंस का हर पांच साल में एक बार 25,000 रुपये में नवीनीकरण किया जाएगा। ड्राइवरों के बारे में विवरण एग्रीगेटर द्वारा संचालित कैब और दोपहिया वाहनों में प्रदर्शित करना होगा।
हर कार और बाइक पर टैक्सी लिखना होगा
एसटीए की संयुक्त आयुक्त दीप्ति रंजन पात्र ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इसके तहत हर कार और बाइक पर पीले बोर्ड पर टैक्सी लिखना होगा। पात्र ने कहा कि यात्रियों की शिकायत निवारण पद्धति और वाहन चलाने वाले चालकों के प्रकार का दिशानिर्देशों में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है। यात्रियों की सुरक्षा और संरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।