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जी-20 की शिक्षा संबंधी वर्किंग ग्रुप की बैठक से पूर्व हुआ आयोजन
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पुरातन काल से ओडिशा की परंपरा में कौशल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण – धर्मेन्द्र प्रधान
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प्रदर्शनी में डिजिटल नवाचार में आये व्यापक परिवर्तन का प्रतिफलन
भुवनेश्वर। भुवनेश्वर स्थित सीएसआईआर-आईएमएमटी परिसर में आज जी-20 शिक्षा से संबंधित वर्किंग ग्रुप के तीसरे बैठक से पूर्व फ्यूचर ऑफ वर्क को लेकर प्रदर्शनी का उद्घाटन केन्द्रीय शिक्षा, कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय मंत्री प्रधान ने कहा कि पुराने जमाने से ओडिशा की परंपरा में कौशल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है।
प्रधान ने कहा कि विश्वभर में तेजी से परिवर्तन हो रहे हैं। विश्व में हो रहे परिवर्तनों को ध्यान में रखकर हमारे यहां कौशल विकास किया जाना आवश्यक है। प्रधानमंत्री मोदी कौशल विकास पर सर्वाधिक ध्यान दे रहे हैं। भविष्य के कार्य के लिए हमारे युवाओं को नियुक्तिदाता के रुप में तैयार करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल्पना है। आगामी वर्षों में 2047 तक विश्व के युवा वर्ग की संख्या में से 25 प्रतिशत भारत के पास होंगे। आगामी 25 वर्षों के अमृतकाल में डिग्री नहीं, बल्कि कौशल व सामर्थ्य ही महत्वपूर्ण होंगे। इसलिए ईगामी दिनों के कार्य के स्वरुप को ध्यान में रखकर युवाओं को तैयार करना होगा। प्रधान ने आशा व्यक्त की कि इस दिशा में जी-20 शिक्षा वर्किंग ग्रुप की बैठक विशेष रुप से सहायक सिद्ध होगी।
उन्होंने कहा कि आज भारत तथा ओडिशा के लिए गर्व व गौरव का समय है। प्रधानमंत्री मोदी के दूरदृष्टिवाले नेतृत्व में भारत के पास जी 20 की अध्यक्षता है और हमारा थीम वसुधैव कुटुंबकम है यानी पृथ्वी एक परिवार है। भारत हमेशा विश्वकल्याण की कामना करने वाला देश रहा है।
प्रधान ने कहा कि 21वीं शताब्दी ज्ञान आधारित व टेक्नोलॉजी का युग होगा। भारत के पास ज्ञान का भंडार के साथ-साथ सृजनशील मानव संसाधन तथा सुदृढ बाजार है। इनके माध्यम से भारत इस शताब्दी में व्यापक परिवर्तन का साथी बनेगा।
प्रधान ने कहा कि हमें स्किल, री-स्किल व अप-स्किल करने की आवश्यकता है। को-विन के जरिये टीकाकरण, यूपीआई पेमेंट भारत के अभूतपूर्व डिजिटल क्षमता को प्रदर्शित करता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बनी राष्ट्रीय शिक्षा नीति केवल एक दस्ताबेज ही नहीं है बल्कि विश्व कल्याण का रोडमैप है।
उन्होंने जी-20 को लेकर ओडिशा के लोगों की भागिदारी को उत्साहपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जी-20 से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम में ओडिशा के एक लाख से अधिक युवाओं की सहभागिता प्रशंसनीय है।
इस कार्यक्रम में कौशल विकास के क्षेत्र में व्यक्ति विशेष व आईआईटी भुवनेश्वर, एनआईटी राउरकेला, आईआईएम संबलपुर, आईजर, नाइजर समेत विभिन्न विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं शामिल हुईं।