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ओडिशा के कानून विभाग ने जारी किया स्पष्टीकरण
भुवनेश्वर। महाप्रभु श्री जगन्नाथ मंदिर से संबंधित गायब फाइलें मिल गईं हैं। पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (जेटीए) की दो फाइलों के अजीबोगरीब परिस्थितियों गायब होने को लेकर गरमाई राजनीति के बाद ओडिशा के कानून विभाग ने एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि दोनों फाइलों का पता लगा लिया गया है।
कानून विभाग के प्रधान सचिव धनेश्वर मल्लिक ने एक प्रेस बयान में कहा कि फाइलों का पता नहीं चल पाया था और उन्हें खोजने के लिए निर्देश जारी किए गए थे। मीडिया में यह भी बताया गया कि फाइलें गुम हो गई हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि फाइलें मिल गई हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दोनों फाइलें अन्य रूटीन फाइलों के साथ मिल गईं थीं। इसकी वजह उन्हें ट्रेस करना मुश्किल था।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले फाइलों के गुम होने का मामला तब सामने आया था, जब विभाग के उपसचिव ने इसके तहत आने वाले सभी अनुभागों को प्राथमिकता के आधार पर उन दो फाइलों का पता लगाने के लिए पत्र लिखा था। कहा जा रहा है कि इन दोनों फाइलों का इस्तेमाल राज्य के उच्च न्यायालय के एक आदेश के अनुपालन के लिए किया जाएगा।
इसके बाद विभाग के पत्र में कहा गया कि जेटीए सेक्शन की दो फाइलें जेटीए-55/2006(पीटी) और जेटीए-06/2014 जेटीए सेक्शन के रिकॉर्ड में नहीं हैं। इसलिए इस विभाग के सभी अनुभागों से यह अनुरोध किया जाता है कि वे प्राथमिकता के आधार पर अपने रिकॉर्ड में तलाशी अभियान चलाएं और उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन के लिए उक्त फाइलें, यदि उपलब्ध हों, तुरंत जेटीए अनुभाग को प्रस्तुत करें।
इस पत्र के बाद विपक्षी दलों ने गायब फाइलों को लेकर ओडिशा सरकार पर निशाना साधना शुरू किया। यहां तक कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 21 अप्रैल को भुवनेश्वर के कैपिटल थाने में इस संबंध में शिकायत भी दर्ज कराई थी।