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अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य शहरभर में अलग-अलग 10 मस्जिदों में अता करेंगे नमाज
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शांति बैठक में ईद पर सामूहिक सभा नहीं करने का फैसला
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बैठक में अनुपस्थित रहे हनुमान जयंती समन्वय समिति के सदस्य
संबलपुर। ओडिशा के हिंसा प्रभावित संबलपुर कस्बे में इस साल ईद-उल-फितर कुछ अलग होगी। चूंकि 14 अप्रैल को हनुमान जयंती समारोह से पहले और उस दौरान हुई हिंसा के बाद शहर में कर्फ्यू लगा हुआ है, इसलिए शनिवार को स्थानीय ईदगाह में सामूहिक नमाज अता नहीं होगी। जिला प्रशासन की ओर से गुरुवार को आयोजित शांति बैठक में यह निर्णय लिया गया। क्षेत्र में कानून व्यवस्था की नाजुक स्थिति को देखते हुए अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य इस साल नमाज के लिए ईदगाह पर इकट्ठा नहीं होने पर सहमत हुए हैं। इसके बजाय, वे शहरभर में अलग-अलग 10 मस्जिदों में नमाज अता करेंगे।
संबलपुर के एसपी बी गंगाधर ने कहा कि चूंकि कर्फ्यू के कारण बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, इसलिए सार्वजनिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए ईद पर सामूहिक सभा नहीं करने का फैसला किया गया है।
हर साल, मुस्लिम समुदाय के 5,000 से अधिक सदस्य ईद-उल-फितर के दौरान नमाज अता करने के लिए साक्षीपाड़ा क्षेत्र के ईदगाह में इकट्ठा होते थे। इस साल हालात को देखते हुए
राजस्व संभागीय आयुक्त (आरडीसी), उत्तर, सुरेश चंद्र दलेई ने गुरुवार को शांति बैठक बुलाई थी। उन्होंने कहा कि संबलपुर में स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रही है। आरडीसी ने कहा कि कल हनुमान जयंती समन्वय समिति के सदस्य बैठक में अनुपस्थित रहे। हम उन लोगों के साथ एक और बैठक करेंगे।
इस बीच, शहर के लोगों को अपने दैनिक कार्यों के लिए अपने घरों से बाहर जाने के लिए अधिक समय प्रदान करते हुए कर्फ्यू प्रतिबंधों में सुबह 6.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक 12 घंटे की ढील दी गई है। हालांकि, मोबाइल पर इंटरनेट सेवाएं अभी भी निलंबित हैं और चुनिंदा ग्राहकों के लिए हर दिन एक निश्चित समय के लिए उपलब्ध हैं।