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भारतीय वन सर्वेक्षण के उपग्रह चित्रों ने बढ़ायी चिंता
भुवनेश्वर। बीते 24 घंटे के दौरान ओडिशा में जंगलों की आग की 1757 घटनाएं दर्ज की गईं है। इस बात की जानकारी भारतीय वन सर्वेक्षण के उपग्रह चित्रों से हुई है।
इसी तरह, जनवरी से अब तक राज्य में जंगल में आग लगने की कम से कम 14,760 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिन पर दमकलकर्मियों और वन विभाग के फील्ड अधिकारियों ने तुरंत काबू पा लिया।
ओडिशा वन निगरानी प्रणाली में लगभग 8,000 मोबाइल नंबर पंजीकृत किए गए हैं जो क्षेत्र स्तर पर सक्रिय हैं। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह आग के बारे में तत्काल जानकारी प्राप्त करने और आग से निपटने में वन विभाग की मदद कर रहा है।
विभाग ने राज्यभर में 49 वन अनुमंडलों में 399 अग्नि सुरक्षा दस्तों का गठन किया है। हालांकि वन और अग्निशमन विभाग को जंगल की आग से निपटने के लिए उपकरण प्रदान किए गए हैं, लेकिन यह बताया गया है कि अधिकांश पुरुषों ने उनके उपयोग पर प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया है।
जहां देश के कई राज्य ड्रोन का उपयोग करके जंगल की आग को सफलतापूर्वक नियंत्रित कर रहे हैं, वहीं आरोप है कि ओडिशा कुशल कर्मियों और उन्नत ड्रोन की कमी के कारण विफल रहा है। जंगल की आग का पता लगाने, उस पर काबू पाने और उसे बुझाने में ड्रोन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
वन विभाग ने जंगल में आग की घटनाओं को लेकर बयान देते हुए कई कारण भी गिनाए हैं, जिसमें ईंट भट्टों के तेजी से बढ़ने, महुआ संग्रह के लिए जंगल को साफ करने, केंदूपत्तों और कटे हुए खेतों पर पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया गया है।
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