Home / Odisha / सिमिलिपाल राष्ट्रीय उद्यान के 42 स्थानों पर लगी आग

सिमिलिपाल राष्ट्रीय उद्यान के 42 स्थानों पर लगी आग

  •  आग पर काबू पाने के लिए दमकल कर्मियों को किया गया तैनात

भुवनेश्वर। मयूरभंज और बालेश्वर जिलों में सिमिलिपाल राष्ट्रीय उद्यान के 42 स्थानों पर जंगलों में आग लगी है। खबरों के अनुसार, जंगल की आग ने दक्षिण सिमिलिपाल में पांच जगहों पर, उत्तरी सिमिलिपाल में 29, करंजिया वन प्रभाग में तीन और रायरंगपुर मंडल में पांच जगहों पर जंगल को अपनी चपेट में ले लिया। आग का दायरा काफी तेजी से फैल रहा है और कई एकड़ जंगल जलकर राख हो गया है। वन्यजीव सुरक्षा के लिए जंगल के अन्य हिस्सों में भाग रहे हैं। हालांकि दमकल कर्मियों को आग पर काबू पाने के लिए तैनात किया गया है, लेकिन अभी तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका है।

वन और पर्यावरण मंत्री प्रदीप आमत ने कहा कि हमारे पास सिमिलिपाल में आग लगने की रिपोर्ट है। इसे बुझाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों और स्थानीय स्वयंसेवकों को लगाया गया है। हम तेजी से आग बुझाने के लिए स्थानीय लोगों की मदद भी ले रहे हैं।

ओडिशा पीसीसीएफ, देवीदत्त बिस्वाल ने जंगल की आग को मानव निर्मित करार दिया। उन्होंने कहा कि 100 प्रतिशत जंगल की आग मानव निर्मित होती है। हम वनवासियों को जंगल की आग के प्रति संवेदनशील होने और लापरवाही से जंगल में सिगरेट और बीड़ी न फेंकने के लिए जागरूक कर रहे हैं। कभी-कभी स्थानीय लोग शिकार करने के लिए आग लगा देते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि हम पिछले वर्षों की तुलना में अधिक आग देखेंगे, क्योंकि पिछले अक्टूबर से बारिश के कोई संकेत नहीं मिले हैं। हालांकि, हम प्रतिक्रिया दर पर काम कर रहे हैं, जो वर्तमान में 92 पर है। इसका मतलब है कि हम हर 100 में से 92 फायर कॉल का जवाब दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 2021 की तुलना में 2022 में सिमिलिपाल आरक्षित वन में जंगल की आग की संख्या में गिरावट आई है।

वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय उद्यान में अक्टूबर 2020 और मार्च 2021 के बीच 2000 जगहों पर आग देखी गई। साल 2022 में यह केवल 1000 जगहों पर देखी गयी।

Share this news

About desk

Check Also

बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना

भुवनेश्वर में सीजन में पहली बार पारा 16 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिरा 27 से …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *