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सीजीयू, ताइवान के प्रोफेसर प्रसन कुमार साहू एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) आशुतोष बिस्वास से मिले
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एआई रोगों की स्वत: भविष्यवाणी के लिए उपयोगी हो सकता है
प्रोफेसर साहू ने एम्स भुवनेश्वर में एआई पर भी बातचीत की जिसमें संस्थान के संकाय सदस्यों ने भाग लिया। जब किसी कैंसर या ब्रेन स्ट्रोक के रोगी को अस्पताल के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया जाता है तो बड़ी मात्रा में चित्र और नैदानिक डेटा उत्पन्न होते हैं। चिकित्सक रोग निदान के लिए हिस्टोपैथोलॉजिकल, कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी), कंप्यूटेड टोमोग्राफिक एंजियोग्राफी (सीटीए) और चुंबकीय अनुनाद छवि (एमआरआई) जैसी छवियों की किस्मों का उपयोग कर सकते हैं। वे एकत्रित चित्र अत्यधिक असंरचित हैं और NDPI या DICOM प्रारूप में संग्रहीत हैं। प्रोफेसर साहू ने कहा कि डीप लर्निंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का हिस्सा है, जो चिकित्सा छवियों को वर्गीकृत करने, स्थानीयकरण, पता लगाने और खंडित करने में उपयोग के लिए छवि डेटा के विभिन्न स्वरूपों का विश्लेषण करने में मानव मस्तिष्क के कामकाज की नकल करता है। प्रोफेसर साहू ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) इस्केमिक स्ट्रोक, इंट्राक्रैनियल आर्टरी स्टेनोसिस, कोलोरेक्टल कैंसर और फेफड़ों के कैंसर के रोगी के इमेज डेटा का विश्लेषण करने के लिए उपयोगी है, ताकि रोगों की स्वचालित भविष्यवाणी की जा सके। एआई पर अधिक शोध के लिए राष्ट्रीय संस्थान की तरह एम्स भुवनेश्वर के साथ सहयोग करना चांग गुंग विश्वविद्यालय के लिए बहुत अच्छी बात होगी। प्रो साहू ने कहा कि यह बेहतर रोगी देखभाल और बेहतर स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन के लिए भी अत्यधिक उपयोगी होगा।
यहां यह ध्यान दिया जा सकता है कि चांग गंग विश्वविद्यालय, चांग गंग मेमोरियल अस्पताल, ताइवान एआई, क्लिनिकल और मेडिकल इमेज डेटा विश्लेषण के क्षेत्र में ईमानदारी से काम कर रहा है। एम्स भुवनेश्वर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिलीप कुमार परिदा अन्य संकायों के साथ वार्ता में शामिल हुए।