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राज्य के बिजली उपभोक्ता हो रहे हैं लूट के शिकार

  • ओपीजीसी, ओपीसीएल, ओईआरसी व राज्य सरकार मिलकर राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को लूट रहे हैं – कांग्रेस

भुवनेश्वर। राज्य के बिजली उपभोक्ता लूट के शिकार हो रहे हैं। ओडिशा पावर जेनरेशन कार्पोरेशन (ओपीजीसी), ओडिशा कोल एंड पावर लिमिटेड (ओपीसीएल), ओडिशा इलेक्ट्रिक रेगुलटरी कमिशन (ओइआरसी) व राज्य सरकार की मिलीभगत में राज्य की जनता को लूटा जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व वित्त मंत्री पंचानन कानूनगो ने यह आरोप लगाया है।

पार्टी कार्यालय में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में कानूनगो ने कहा कि राज्य में शस्ता बिजली उपलब्ध कराने के लिए ओपीजीसी को 9 सौ मिलियन टन कोयला वाले मनोहपुर व डिप मनोहरपुर कोल ब्लाक का आवंटन किया गया है। इस कोयला खदान के उत्पादन होने वाले समस्त कोयला का इस्तेमाल केवल ओपीजीसी द्वारा बिजली उत्पादन के लिए होना चाहिए था। इस कोयला खदान से कोयला उत्पादन का जिम्मा ओपीसीएल को दिया गया है। यहां से कोयला उत्पादन के लिए प्रति टन 450 रुपये खर्च आ रहा है, जबकि ओपीसीएल ओपीजीसी से प्रति टन 758 रुपये ले रही है। इस कारण ओपीजीसी बिजली की दरें बढा रही हैं और उसे उपभोक्ताओं के सिर पर डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि उत्पादन खर्च में ओपीजीसी कोयला लेता तो बिजली की दरें लगभग 50 से 57 पैसा तक प्रति यूनिट कम हो जाता। ये सारे लोग उपभोक्ताओं के पैसे से लाभ कमा रहे हैं। उन्होने कहा कि आगामी दिनों में चुनाव होने के कारण चुनावी खर्च के लिए ओपीजीसी के 25 प्रतिशत शेयर निजी कंपनी को बेचने की सरकार योजना बना रही है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इस तरह के विनिवेश के किसी प्रकार का कदम का विरोध करती है। उन्होंने कहा कि एजी की जांच रिपोर्ट विधानसभा में पेश न होने तक कंपनी का विनिवेश न किया जाए।

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