-
पहली बार मीडिया से रू-ब-रू हुए डीजीपी
-
कहा- जांच में किसी नतीजे पर पहुंचने या चार्जशीट दायर करने से पहले अपराध के सभी पहलुओं पर हो रहा विचार
-
दोषसिद्धि के लिए महज इकबालिया बयान ही काफी नहीं, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का दिया हवाला
भुवनेश्वर। मंत्री नव किशोर दास हत्याकांड की गुत्थी जल्द सुलझने के आसार नहीं दिख रहे हैं। आज पहली बार मीडिया से रू-ब-रू होते हुए ओडिशा के डीजीपी सुनील बंसल ने कहा कि जांच में किसी नतीजे पर पहुंचने या चार्जशीट दायर करने से पहले अपराध के सभी पहलुओं पर विचार हो रहा, क्योंकि दोषसिद्धि के लिए महज इकबालिया बयान ही काफी नहीं। इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला भी दिया। उन्होंने कहा कि अगर हम आरोपी के कबूलनामे पर चलते हैं, तो हम उसके खिलाफ तुरंत चार्जशीट दायर कर सकते हैं। हालांकि, आगे की जांच सभी उन सभी दृष्टिकोणों से चल रही है, जो हमें अभी दिखाई नहीं दे रहा है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, दोषसिद्धि के लिए महज इकबालिया बयान ही काफी नहीं है।
उन्होंने कहा कि दिवगंत मंत्री नव किशोर दास के हत्या मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।
ओडिशा पुलिस के डीजीपी सुनील बंसल ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नव किशोर दास की 29 जनवरी को हुई हत्या की जांच में किसी नतीजे पर पहुंचने या चार्जशीट दायर करने से पहले अपराध के सभी पहलुओं पर विचार कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि मामले की खुले दिमाग से जांच की जा रही है और अपराध से संबंधित सभी कोणों की जांच की जा रही है। इस मामले में किसी को जल्द ही अंतिम परिणाम की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
मीडिया को संबोधित करते हुए डीजीपी ने कहा कि अपराध के मकसद के बारे में बहुत सारी अफवाहें फैलाई जा रही हैं। हम सभी ने वीडियो में देखा है कि स्वास्थ्य मंत्री की हत्या किसने की, लेकिन हमें अभी तक इस अपराध के पीछे के मकसद का पता नहीं चल पाया है। मकसद अपराधी के दिमाग में है और मैं बिना सबूत के इस पर टिप्पणी करने के लिए सक्षम नहीं हूं। उन्होंने कहा कि अपराध शाखा, राज्य फोरेंसिक कर्मी और अन्य पहले से ही अपराध के पीछे के मकसद को जानने के लिए काम कर रहे हैं। हमने इस पर सेंट्रल फॉरेंसिक लेबोरेटरी (सीएफएल) से भी बात की है और उन्होंने हमें हर संभव मदद देने का वादा किया है। वास्तव में सीएफएल की एक टीम जल्द ही जांच में हमारी मदद करने के लिए ओडिशा आएगी।
एएसआई गोपाल कृष्ण दास की बीमारी पर डीजीपी ने कहा कि उसकी पत्नी ने अपराध के तुरंत बाद इस पर बयान दिया है और यह बहुत महत्व है। लेकिन यह जानना ज्यादा जरूरी है कि अपराध की सुबह गोपाल दास को अटैक आया था या वह अभी भी इस स्थिति से पीड़ित है। इन सवालों के जवाब मिलने के बाद हम अपराध के पीछे की मंशा के बारे में बात कर पाएंगे। डीजीपी इस सवाल का जवाब देने से भी बचते रहे कि क्या इस अपराध का मास्टरमाइंड कोई और है या अपराध मंत्री के कोयला परिवहन कारोबार या राजनीतिक रंजिश से जुड़ा है।
नव दास की हत्या के बाद पहली बार प्रेस को संबोधित करते हुए डीजीपी सुनील बंसल ने कहा कि कई घटनाएं होती हैं। भले ही संभावना 0.0001 प्रतिशत हो और कोई भी सोच या अनुमान नहीं लगा सकता है कि ऐसी घटनाएं हो सकती हैं। ठीक ऐसी ही नव किशोर दास की हत्या अपनी तरह की एक थी।
डीजीपी ने कहा कि हमारा ध्यान अब यह सुनिश्चित करने पर है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जाए और एक नागरिक और पुलिस अधिकारी के रूप में हमारी प्रतिक्रिया क्या होनी चाहिए।
बंसल ने कहा कि विशेषज्ञों के साथ प्रारंभिक विचार-विमर्श शुरू हो गया है और जल्द ही विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) जैसी शीर्ष एजेंसियों के साथ चर्चा की जाएगी, जिसे भारत के प्रधानमंत्री को सुरक्षा प्रदान करने का काम सौंपा गया है। हम एसओपी और एसपीजी द्वारा अपनाई जाने वाली अच्छी प्रथाओं की समीक्षा करेंगे और हम उन्हें ओडिशा में किस हद तक लागू कर सकते हैं। हम साझा करेंगे कि इस तरह के विचार-विमर्श से क्या परिणाम निकलेगा।
नव दास हत्याकांड के पीछे के मकसद पर डीजीपी ने कहा कि मकसद कुछ ऐसा है जो किसी व्यक्ति के दिमाग में छिपा होता है और किसी के दिमाग को पढ़ने के लिए कोई मशीन नहीं होती है। सटीक मकसद का पता लगाने के लिए हमें घटना के दिन तक आरोपी एएसआई के करियर सहित परिस्थितियों के विवरण में जाने की जरूरत है।