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कहा- श्रीजगन्नाथजी के पैसे हड़पने की घटना से ध्यान हटाने के लिए अलोकतांत्रिक तरीके से लिया गया निर्णय
भुवनेश्वर. महाप्रभु श्रीजगन्नाथजी के 592 करोड़ रुपये यस बैंक में रखकर हड़पने की साजिश रचने वाली बीजद सरकार से विधानसभा में उत्तर देते नहीं बना. विपक्ष द्वारा इस मुद्दे को लेकर घेरे जाने के कारण सरकार की स्थिति काफी खराब हुई. यही कारण है कि इस मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए बीजद सरकार ने अलोकतांत्रिक तरीके से सदन को 29 मार्च तक स्थगित कर दिया. प्रतिपक्ष के नेता प्रदीप्त नायक ने पार्टी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर सरकार का मुंह पूरी तरह जल चुका है. सरकारी गाइडलाइन का खुलमखुला उल्लंघन कर राशि को सरकारी बैंक में रखने के बजाय संकटग्रस्त निजी बैंक में खा गया. उन्होंने कहा कि सरकार ने विधानसभा में कहा था कि 19 मार्च को पैसे वापस लाया जाएगा, लेकिन सरकार अब पैसे वास्तव में नहीं ला सकती. इस कारण अपनी किरकिरी होने से बचने के लिए सरकार ने इस अलोकतांत्रिक काम किया है.
नायक ने कहा कि यदि राज्य सरकार को लगता है कि विधानसभा को बंद करने से वे बच जाएंगे, तो वे गलत सोच रहे हैं. महाप्रभु श्रीजगन्नाथजी के पैसे की लूट में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई न किये जाने तक भाजपा इस मुद्दे पर राज्य सरकार को चैन से बैठने नहीं देगी.
उन्होनें कहा कि ओडिशा से अभी एक भी व्यक्ति कोरोना पाजिटिव नहीं पाया गया है. आज तक जितने भी संदिग्ध मामले आये हैं, वे सब जांच के बाद सभी रिपोर्ट नेगेटिव पायी गयी हैं, लेकिन कोरोना को लेकर विधानसभा को बंद करने संबंधी सत्तारुढ़ पार्टी के प्रस्ताव व विधानसभा अध्यक्ष के अनुमोदन उनके मानसिक दिवालियापन को स्पष्ट करता है.
भाजपा विधायक मोहन माझी ने कहा कि विधानसभा के साथ कोरोना वायरस का क्या संबंध. विधानसभा चलने से कोरोना वायरस कैसे फैलेगा. उन्होंने कहा कि कोरोना का भय नहीं, बल्कि महाप्रभु के पैसे की लूट संबंधी बात से बचने के लिए विधानसभा को बंद किया गया है.
उन्होंने कहा कि देश में संसद चल रही है. अनेक प्रदेशों के विधानसभा भी चल रही हैं. ऐसे में ओडिशा विधानसभा की कार्यवाही को क्यों बंद किया गया. उन्होंने कहा कि सरकार के इस मनमानी को भाजपा चलने नहीं देगी. विधानसभा के समाप्त होने के लिए 20 कार्यदिवस शेष हैं. अनेक विभागों को अनुदान पर चर्चा होना था. कोरोना की तैयारियों को लेकर भी चर्चा हो सकती थी, लेकिन राज्य सरकार ने बिना बहस के विभागों की अनुदान राशि को गिलोटिन के जरिये पास कराने का जो निर्णय किया है, वह अलोकतांत्रिक है.
इस पत्रकार सम्मेलन में पार्टी के विधायक दल के उपनेता विष्णु सेठी, नित्यानंद गोंड, प्रकाश सोरेन, नव चरण माझी व अन्य नेता उपस्थित थे.