यहां एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रदीप मांझी ने कहा कि 16 सितंबर 2022 को 169 जनजातियों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने के लिए राज्य सरकार ने पत्र लिख कर अनुरोध किया है, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि केन्द्र सरकार इसे स्वीकार नहीं कर रही है। इस कारण इन लोगों को जनजाती की मान्यता नहीं मिल रही है और वे विभिन्न सुविधाओं से वंचित हैं। इन जनजातियो के साथ केन्द्र सरकार अन्याय कर रही है। इनके पास जमीन तक नहीं है।
माझी ने कहा कि राज्य सरकार ने हमेशा से ही जनजातीय लोगों को समाज के मख्य धारा में लाने के लिए कार्य कर रही है। जनजातीय लोगों के उत्थान को लेकर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के प्रयास सराहनीय है, लेकिन भाजपा के जनजातीय विरोधी नीति जनजातीय समाज को कष्ट दे रहा है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर यदि केन्द्र सरकार कुछ नहीं करती तो आगामी दिनों में केन्द्र सरकार के खिलाफ बीजद जोरदार आंदोलन करेगी।