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आदिवासी महिला का अपहरण कर सामूहिक बलात्कार

  •  मेडिकल जांच के लिए पुलिस वैन में 12 घंटे से अधिक समय बिताने को हुई मजबूर

  •  आईआईसी ने दी सफाई, कहा-हमें अपरिहार्य समस्याओं से गुजरना पड़ा

  •  हमने जानबूझकर चिकित्सा परीक्षा में देरी नहीं की, 2-3 दिनों में सब कुछ साफ हो जाएगा

केंदुझर। राजधानी भुवनेश्वर में दो नाबालिगों के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद केंदुझर जिले में एक आदिवासी महिला का तीन युवकों ने अपहरण कर सामूहिक बलात्कार किया। इतना ही नहीं महिला को इससे भी बुरे दौर का उस समय सामना करना पड़ा, जब पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाने से पहले उसे पुलिस वैन में कथित रूप से 12 घंटे से अधिक समय बिताने के लिए मजबूर होना पड़ा।

बताया जाता है कि यह घटना केंदुझर जिले के सोसो इलाके में हुई। हालांकि महिला अपने चचेरे भाई के साथ थी। पीड़िता मयूरभंज जिले की रहने वाली है और गुरुवार शाम को केंदुझर के गोहिराबणी गांव में अपनी मौसी से मिलने गई थी।

खबरों के मुताबिक बदमाशों ने महिला को अगवा कर सुनसान जगह पर ले गए और बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब पीड़िता ने इस संबंध में सोसो पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई।

शिकायत दर्ज कराने और पुलिस की मदद मांगने के बाद भी पीड़िता की परेशानी खत्म नहीं हुई। कथित तौर पर उसकी मेडिकल जांच से पहले उसे पुलिस वैन में 12 घंटे से अधिक समय बिताने के लिए मजबूर होना पड़ा। थाने से पुलिस पीड़िता को सोसो से 40 किमी दूर आनंदपुर अनुमंडलीय अस्पताल ले गई। चूंकि अपराध स्थल आनंदपुर में नहीं था, इसलिए पीड़िता को बाद में सलनिया सीएचसी ले जाया गया। सलनिया सीएचसी में महिला डॉक्टर नहीं होने के कारण पीड़िता को फिर से आनंदपुर अस्पताल ले जाया गया और रात करीब 9 बजे मेडिकल जांच तक पीड़िता को पुलिस वैन में इंतजार कराया गया। आधे घंटे बाद पीड़िता को फिर से सोसो थाने ले जाया गया।

थाने की बदहाल व्यवस्था पर सफाई देते हुए सोसो के आईआईसी प्रदीप कुमार सेठी ने मीडिया से कहा कि हमारा थाना हाटाडीही प्रखंड के अंतर्गत आता है, लेकिन, डॉक्टरों ने हमें आनंदपुर के सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया, क्योंकि वहां कोई महिला डॉक्टर नहीं थी। हमें अपरिहार्य समस्याओं से गुजरना पड़ा और ऐसा नहीं था कि हमने जानबूझकर चिकित्सा परीक्षा में देरी की। जांच जारी है और 2-3 दिनों में सब कुछ साफ हो जाएगा।

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