Home / Odisha / मानव-हाथी संघर्ष रोकने के लिए 10 सूत्री रणनीति पर विचार
IAT NEWS INDO ASIAN TIMES ओडिशा की खबर, भुवनेश्वर की खबर, कटक की खबर, आज की ताजा खबर, भारत की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज, इंडिया की ताजा खबर

मानव-हाथी संघर्ष रोकने के लिए 10 सूत्री रणनीति पर विचार

  • वन विभाग ने उच्च न्यायालय में हलफनामा दायर कर हाथियों की सुरक्षा के लिए कार्य योजना का विवरण दिया

भुवनेश्वर। ओडिशा में हाथियों की सुरक्षा तथा हाथियों मानव के बीच हो रहे संघर्ष को रोकने के लिए 10 सूत्री रणनीति पर विचार किया जा रहा है। इसे लेकर ओडिशा के वन विभाग ने आज राज्य के उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर किया, जिसमें राज्य में हाथियों की सुरक्षा के लिए कार्य योजना का विवरण दिया गया है।

चीफ जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस मुरहरी श्री रमन की खंडपीठ ने आज इस मामले में सुनवाई की।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सुनवाई के दौरान राज्य के मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) मनोज वी नायर ने ओडिशा में हाथियों के संरक्षण और मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के लिए व्यापक कार्य योजना को संलग्न करते हुए हलफनामा दायर किया है।

इस सुनवाई के दौरान ऑनलाइन शामिल होते हुए नायर ने बताया कि रिपोर्ट में 10-स्तंभ रणनीति के तहत कार्य बिंदुओं के साथ एक कार्यकारी सारांश शामिल है।

सीसीएफ ने अदालत को रिपोर्ट के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बताया, जो अन्य बातों के साथ-साथ अंतर्विभागीय समन्वय से संबंधित है। इसके लिए जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिलास्तरीय मानव-हाथी संघर्ष शमन समितियों का गठन करने की आवश्यकता होगी और इसमें पुलिस अधीक्षक के प्रतिनिधि, संबंधित लाइन विभागों के प्रमुख और डीएफओ सदस्य सचिव होने के नाते शामिल होंगे।

नायर ने अदालत से कहा कि मानव-हाथी संघर्ष शमन के पहलू के लिए जोन-आधारित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।

कर्नाटक एलीफेंट टास्कफोर्स की तर्ज पर चार व्यापक क्षेत्र, (जोन 1) हाथी संरक्षण क्षेत्र, (जोन 2) हाथी-मानव सह-अस्तित्व क्षेत्र और (जोन 3) संघर्ष शमन क्षेत्र और (जोन 4) हाथी हटाने या बहिष्करण परिकल्पित क्षेत्र हैं।

उन्होंने आगे कहा कि संरक्षण, प्रवर्तन और अभियोजन के साथ-साथ हाथियों के आवास, गलियारों और कनेक्टिविटी में सुधार और शिक्षा तथा जागरूकता में लोगों की भागीदारी के लिए अलग-अलग रणनीतियों पर काम किया गया है।

पक्ष की ओर से पेश वकील द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं के जवाब में नायर ने कहा कि कार्य योजना बढ़ी हुई उत्पादकता के लिए आवास प्रबंधन की भी बात करती है, जिसमें हाथियों के आवास में सुधार, बांस के पौधों का रोपण और पसंदीदा हाथी खाद्य संयंत्र, पानी शामिल होगा। जंगल की आग की रोकथाम और नियंत्रण के अलावा स्रोत और अन्य आवास सुधार के उपाय भी शामिल होंगे।

नायर ने कहा कि बिजली के झटके के कारण हाथियों की बढ़ती मौतों से निपटने के लिए कार्य योजना में ‘जन सुरक्षा गज रक्षा’ योजना के तहत सौर बाड़ लगाने के लिए बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को शामिल करने का प्रस्ताव है।

Share this news

About desk

Check Also

धान खरीद में कटनी व छटनी की प्रक्रिया होगी बंद

बरगढ़ जिले में 20 नवंबर से शुरू होगी धान की खरीद किसानों के हित में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *