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श्रीजगन्नाथजी के पैसे को लूटने की साजिश – विपक्ष
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विधानसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा
भुवनेश्वर. पुरी के श्रीजगन्नाथ मंदिर की धनराशि को सरकारी बैंक में रखने के बजाय यस बैंक में रखे जाने के मुद्दे से राज्य सरकार ने पल्ला झाड़ लिया है. वित्त मंत्री ने कहा कि मंदिर का पैसा सरकार ने नहीं, बल्कि मंदिर प्रशासन ने रखा है. मंदिर प्रशासन के कामकाज में सरकार किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करती है. उन्होंने कहा कि बैंक खराब स्थिति के बाद अब मंदिर प्रबंध समिति की ओर से इस पैसे को राष्ट्रीय बैंक में ट्रांस्फर करने के लिए आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक को निवेदन किया गया है. केन्द्रीय वित्त मंत्री से भी इस बारे में अनुरोध किया गया है.
पुरी के श्रीजगन्नाथ मंदिर की धनराशि को सरकारी बैंक में रखने के बजाय सभी प्रकार के नियमों को ताक पर रखकर यस बैंक में रखे जाने तथा बैंक की स्थिति खराब होने के कारण इस राशि के डूब जाने के खतरे के बीच गुरुवार को विधानसभा में इस विषय पर कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा हुई. इस दौरान विपक्ष ने जहां यह कहा कि जगन्नाथजी की धनराशि को लूटने की साजिश रची गई है, वहीं इसका जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने नहीं बल्कि श्रीमंदिर के पैसे को मंदिर प्रबंध समिति ने रखा है. विपक्ष द्वारा इस संबंध में लाये गये कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर देते हुए वित्त मंत्री निरंजन पुजारी ने कहा कि श्रीमंदिर की धनराशि को यस बैंक में जमा करने से पूर्व मंदिर प्रशासन द्वारा एक स्वच्छ व्यवस्था के माध्यम से बैंक का चयन किया गया था. 2019 के 12 मार्च को 12 बैंकों ने मंदिर की धनराशि को जमा रखने का प्रस्ताव दिया था. यस बैंक ने सर्वाधिक 8.61 प्रतिशत के ब्याज देने का प्रस्ताव दिया था. इस कारण इस बैंक में धनराशि को एक साल के लिए रखा गया था.
उधर, विपक्षी विधायको ने इस मामले में राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि श्रीजगन्नाथजी की धनराशि को लूटने की यह साजिश है. उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकारी अधिकारी व चार्टर्ड एकाउंटेंट को यस बैंक में पैसे डालने के एवज में विदेशों में घूमाया गया है. राज्य सरकार भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने का प्रयास कर रही है. विपक्षी विधायकों ने कहा कि श्रीजगन्नाथजी की धनराशि लौटेगी की नहीं और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी, राज्य सरकार इस बारे अवगत कराये. भाजपा व कांग्रेस विधायकों ने इस मामले में सीबीआई, आर्थिक अपराध शाखा या फिर सदन कमेटी से जांच कराने की मांग की.
चर्चा के दौरान विधि मंत्री की अनुपस्थिति पर गुस्से में विरोधी
इस महत्वपूर्ण कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विधि मंत्री के अनुपस्थिति के कारण विपक्षी विधायक भड़क गये. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि विधि मंत्री को सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा जाए अन्यथा सदन को स्थगित कर दिया जाए. इस मुद्दे पर विपक्षी विधायकों ने हंगामा किया.