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माहांगा दोहरे हत्याकांड को लेकर बीजद नेता प्रताप जेना मुश्किलें बढ़ीं

  • जेएमएफसी अदालत ने तत्कालीन कानून मंत्री के खिलाफ विरोध याचिका दायर करने की अनुमति दी

  •  12 जनवरी तक विरोध याचिका दाखिल करने का निर्देश

कटक। सनसनीखेज माहांगा दोहरे हत्याकांड को लेकर ओडिशा के पूर्व कानून मंत्री प्रताप जेना की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। दोहरा हत्याकांड की फाइल एक बार फिर खुलने जा रही है, क्योंकि सालेपुर जेएमएफसी अदालत ने तत्कालीन कानून मंत्री प्रताप जेना के खिलाफ एक अंतिम विरोध याचिका की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने 12 जनवरी तक विरोध याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया है।

2 जनवरी 2021 को हुई थी भाजपा नेताओं की हत्या

गौरतलब है कि माहांगा के प्रखंड चेयरमैन रहे भाजपा नेता कुलमणि बराल और उनके सहयोगी दिव्यसिंह बराल की 2 जनवरी 2021 को बेरहमी से हत्या कर दी गयी थी। कटक के माहांगा में जानकोटी के पास धारदार हथियार से उनपर हमले किये गये थे।

बाद में मामले के मुख्य आरोपी प्रफुल्ल बिस्वाल भी कटक जिले के टांगी में गोविंदपुर क्षेत्र के पास रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाये गये।

मृतक कुलमणि के बेटे ने मंत्री पर लागये थे आरोप

मृतक कुलमणि के पुत्र रमाकांत बराल ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अब रमाकांत की मौत हो चुकी है। इसके बाद उनके छोटे भाई रंजीत बराल मुकदमा लड़ेंगे। रमाकांत ने तत्कालीन मंत्री प्रताप जेना की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत दर्ज कराई थी।

पुलिस पर चार्जशीट से मंत्री का नाम हटाने का आरोप

रमाकांत ने माहांगा पुलिस पर चार्जशीट से कानून मंत्री का नाम हटाने का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी। इसका विरोध करते हुए उन्होंने अदालत से प्रार्थना की थी कि पुलिस को जेना का नाम शामिल करके एक नई जांच रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया जाए।

चूंकि जेना का नाम दूसरी बार शामिल नहीं किया गया था, इसलिए रमाकांत एक विरोध याचिका दायर करना चाहते थे। रमाकांत ने सारी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर ली थीं, लेकिन उसकी मौत हो गई। अब कोर्ट ने अर्जी स्वीकार करते हुए रमाकांत के भाई रंजीत को 12 जनवरी तक विरोध याचिका दायर करने की अनुमति दे दी है। इससे इस मामले की फाइल एक बार फिर खुलने जा रही है, जिससे प्रताप जेना को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

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