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अनुगूल में हाथी का तांडव, तीन घंटे में चार को कुचला

  •  लोगों में आक्रोश, जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष शवों के साथ विरोध प्रदर्शन

  •  एसडीपीओ ने कहा – डीएफओ समेत जंगल विभाग कर्मचारियों के खिलाफ हुई शिकायत की होगी जांच

अनुगूल। अनुगूल वनांचल में आज सुबह एक हाथी ने तांडव मचाते हुए तीन घंटे के दौरान चार लोगों को कुचलकर मार डाला। इस घटना से स्थानीय इलाके में शोक के साथ आक्रोश भर गया। चार शवों के साथ लोग जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और वहां शवों को रखकर विऱोध प्रदर्शन किया। बताया जाता है कि एक दंतैल हाथी ने सुबह 5 बजे से लेकर 8 बजे के बीच जमकर तांडव किया। हाथी ने पहले छेलियापड़ा के सुभाष बिश्वाल को पहले कुचला। इस दौरान सुभाष घर से निकल कर खेत की तरफ जा रहे थे। तभी हाथी ने सुभाष पर हमला बोल दिया। यह घटना सुबह करीब 5 से 5.30 के बीच की है। सुभाष को मारने के बाद हाथी अँगारबन्ध गांव की तरफ बढ़ा और इस दौरान अनिरुद्ध साहू को बागीचे में काम करते देखा और उनकी ओर दौड़ पड़ा। अनिरुद्ध कुछ समझ पाते इससे पहले हाथी ने अनिरुद्ध के ऊपर हमला कर उन्हें भी कुचल डाला। दो लोगों को मारने के बाद हाथी ने अँगारबन्ध गांव से बारसिंघा गांव की तरफ चलने लगा। बारसिंघा के रमेश चंद्र स्वाईं गांव के नहर की तरफ नहाने के लिए जा रहे थे। वह हाथी के चंगुल में फंस गए। रमेश के भाई रसानंद के मुताबित, सुबह करीब 6.30 बजे रमेश नहर की तरफ जा रहे थे। तभी हाथी ने रमेश के ऊपर हमला कर डाला। रमेश को तुरंत अनुगूल हॉस्पिटल ले आया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। फिर हाथी ने बनरपाल प्रखंड अंतर्गत गडसन्तरी गांव के जाम्बुशाही की तरफ गया। लगभग 8 बजे हाथी ने यहां के अजय सामल पर हमला कर उसे भी मार डाला।
इससे गुस्साए लोगों ने जिलाधिकारी कार्यालय समक्ष शवों को रखकर नारेबाजी करने लगे।
अनभिज्ञ रहा वन विभाग
लोगों ने कहा कि हाथी का तांडव जारी था, लेकिन इस घटना से विभाग अनभिज्ञ रहा। हाथी पर कोई नजर नहीं रख रहा था। एक मृतक रमेश स्वाईं के भाई रसानंद ने वन विभाग के कार्यरत कर्मचारी ओर मौजूदा डीएफओ के खिलाफ भाई की मौत का जिम्मेदार बताते हुए अनुगुल सदर थाने में शिकायत दर्ज करायी है।
एसडीपीओ ने दिया जांच का आश्वासन
शिकायत के आधार पर एसडीपीओ ने जांच का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही लोगों की मांग के मुताबिक, डीएफओ ओर वन विभाग कर्मचारियों की लापरवाही की जांच का भी आश्वासन दिया। साथ ही गांवों में हाथियों के प्रवेश रोकने के लिए कदम उठाने का भी आश्वासन दिया। लोगों से बात करने के लिए अतिरिक्त जिलाधिकारी रजनी कांत स्वाईं, संतोष प्रधान ओर उपजिलापाल बैतुरा दीप, डीएफओ विवेक कुमार पहुंचे थे।
मृतकों के परिवार को मिलेगा मुआवजा
बताया गया है कि नियमानुसार मृतकों के परिवार को राज्य सरकार से 4 लाख रुपये, जिला रेड क्रॉस कोष से 25 हज़ार, प्रखड कार्यालय से 20 हज़ार ओर डीएफओ की तरफ से 20 हज़ार रुपये बतौर मुआवजा दिये जायेंगे।
हाथी रोकने पर करोड़ों खर्च, लेकिन कोई फायदा नहीं
लोगों ने आरोप लगाया कि सालाना करोड़ों रूपये हाथी से बचने पर खर्च किये जाने की बात कही जाती है, लेकिन कोई फायदा नहीं मिल रहा। हाथी ग्रामीण इलाकों में प्रवेश कर जाते हैं, लेकिन ये रुपये कहां और किस तरह से खर्च किया जाता है, इसका कोई अता-पता नहीं है।

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