Home / Odisha / माओवादी ने पकड़ी अमन-शांति की राह, 1500 ने हथियार डाले

माओवादी ने पकड़ी अमन-शांति की राह, 1500 ने हथियार डाले

  •  मालकानगिरि और कोरापुट में क्रमशः 600 तथा 467 सक्रिय मिलिशिया सहित 907 और सक्रिय माओवादी समर्थक किया आत्मसमर्पण

  •  चालू साल में हजारों की संख्या में डाल चुके हैं हथियार

मालकानगिरि। काफी देर से ही सही, लेकिन माओवादियों ने अमन और शांति की राह पकड़ ली है। हिंसा से अब वे ऊब रहे हैं और शांति के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित हो रही है। कभी माओवादियों की हिंसा के लिए विख्यात मालकानगिरि जिला इन दिनों माओवादियों के अमन और शांति की राह चलने को लेकर सुर्खियों में है। इस साल में हजारों की संख्या में माओवादी और समर्थक हथियार डाल चुके हैं। बीते 24 घंटे के दौरान मालकानगिरि और कोरापुट में क्रमशः 600 तथा 467 सक्रिय मिलिशिया समेत 907 माओवादी समर्थकों ने आत्मसमर्पण किया है।
यह जानकारी देते हुए ओडिशा पुलिस ने बताया कि पुलिस के सामने सैकड़ों मिलिशिया और माओवादी समर्थकों के आत्मसमर्पण किया है। इसमें 467 सक्रिय मिलिशिया सहित 907 और सक्रिय माओवादी समर्थकों ने हथियार डाला है। ये सभी नाकाममिदी, जंत्री, आंद्रपल्ली, पानसपुत, जोडंबो, बुंगापुट और कुमुदा पंचायतों के निवासी हैं। उन्होंने माओवादियों की वर्दी और पुतले जलाकर माओवादी विचारधारा के प्रति अपना विरोध भी व्यक्त किया और “माओवादी मुर्दाबाद, अमा सरकार जिंदाबाद” के नारे लगाये।
माओवादी विचारधारा के लिए कोई जगह नहीं
मालकानगिरि के पुलिस अधीक्षक नितेश वाधवानी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि स्वाभिमान आंचल के अंडरपल्ली के लगभग 600 लोग, जो कभी माओवादी विचारधारा का केंद्र थे, विकास प्रक्रिया में राज्य सरकार के साथ हाथ मिलाने के लिए आगे आए हैं।
इससे पता चलता है कि ओडिशा के स्वाभिमान आंचल में माओवादी विचारधारा के लिए कोई जगह नहीं है।
विकास गाथा का हिस्सा बनें अन्य नक्सली
पुलिस ने मीडिया के माध्यम से माओवादियों से हथियार छोड़ने और ओडिशा की विकास गाथा का हिस्सा बनने की अपील की। उन्होंने आगे बताया कि आंध्र के चार गांवों के लोग यहां आए और उन्हें उन मुद्दों से अवगत कराया। उन्होंने यह भी बताया कि क्या सुधार हुआ है और उन्हें ओडिशा और आंध्र दोनों से किस तरह की मदद की जरूरत है।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मैंने उन्हें ओडिशा की ओर से आश्वासन दिया है कि काम अपडेट और समय पर होगा।
कई बार बड़ी संख्या में कर चुके हैं आत्मसमर्पण
इससे पहले भी मालकानगिरि जिले में आयोजित शिविरों में हजारों की संख्या में माओवादी और माओवादी समर्थक समाज की मुख्य धारा में शामिल हो चुके हैं। इस दौरान वे माओवादियों के ग्रंथ और बर्दी को आग के सुपुर्द करके अमन और शांति की राह चल पड़ते हैं।

Share this news

About desk

Check Also

IAT NEWS INDO ASIAN TIMES ओडिशा की खबर, भुवनेश्वर की खबर, कटक की खबर, आज की ताजा खबर, भारत की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज, इंडिया की ताजा खबर

राज्यपाल ने जयंती पर विरसा मुंडा को दी श्रद्धांजलि

भुवनेश्वर। राज्यपाल रघुवर दास ने बलिदानी विरसा मुंडा को जयंती पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सोशल …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *