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अदालत ने आरोपी को जेल भेजा
भुवनेश्वर। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे)-III कोर्ट ने अर्चना नाग को और रिमांड पर लेने की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका खारिज कर दी। ईडी ने सेक्स रैकेट चलाने के दौरान लोगों को ब्लैकमेल कर रंगदारी मांगने की आरोपी अर्चना को दो दिन की अतिरिक्त रिमांड पर लेने की मांग की थी। ईडी ने अर्चना को दो और दिनों के लिए रिमांड पर लेने की दलील दी थी, जिसमें कहा गया था कि वह और उनके पति जगबंधु दोनों ही जांच में एजेंसी का सहयोग नहीं कर रहे हैं।
ईडी की याचिका का अदालत में अर्चना के वकील ने विरोध किया। कोर्ट ने ईडी की रिमांड याचिका खारिज कर दी और अर्चना को झारपाड़ की विशेष जेल भेज दिया गया।
अर्चना को 7 दिन की रिमांड पूरी होने के बाद अदालत में पेश करने के बाद मंगलवार को ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया था।
ईडी ने तब उसे इस आधार पर 15 दिन की रिमांड पर लेने की मांग की थी कि उसने रिमांड अवधि के दौरान जांच में सहयोग नहीं किया। अदालत ने हालांकि ईडी को अर्चना को छह दिन और रिमांड पर लेने की मंजूरी दे दी थी।
फॉरेंसिक की जांच रिपोर्ट में बड़े खुलासे
इधर, खबर है कि फॉरेंसिक टीम की जांच रिपोर्ट में मनी लॉन्डरिंग केस के कई बड़े खुलासे किये हैं। यह भी दावा किया जा रहा है कि अर्चना नाग ने पैसों के लिए कई बड़ी हस्तियों को हनी ट्रैप किया है। नाग की गिरफ्तारी के महज 15 दिन बाद स्वामी जगबंधु को पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया था। वहीँ इस जांच के बाद और भी कई नाम सामने आए है। सिर्फ यही नहीं, मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि फॉरेंसिक टीम ने लेडी ब्लैकमेलर पर सबूत मिटाने का भी आरोप लगाया है। कोर्ट में जमा की गयी इस रिपोर्ट की माने तो मोबाइल से कई चैट्स डिलीट किये गए हैं और लैपटॉप से भी कई डाटा मिसिंग है। इस ब्लैकमेलिंग केस में आरोपी के सारे इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स जैसे पेन ड्राइव, लैपटॉप और स्मार्टफ़ोन को पुलिस कमिश्नरेट ने अपनी हिरासत में लिया था, जिसके बाद इन सारे गैजेट्स की डाटा जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लैब को सौंपा गया था। वहीँ फॉरेंसिक टीम ने अपनी जांच के पश्चात हार्डडिस्क के साथ अपनी रिपोर्ट भी कोर्ट में जमा कर दी है।