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अब नहीं देना पड़ेगा जीआईएस व गैप अनलिसिस डाटा
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2023-25 शैक्षणिक सत्र से लागू होगा नया नियम
भुवनेश्वर। राज्य में उच्च गुणवत्ता वाले स्वास्थ्य शिक्षण संस्थानों की स्थापना व इस क्षेत्र में निजी पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार नो-आबजेक्शन प्रमाण पत्र प्रदान करने की प्रक्रिया को अधिक सहज व सरल कर दिया है। इसके लिए राज्य के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग की ओर से विधिवत विज्ञप्ति जारी की गई है।
इस विज्ञप्ति के अनुसार, 2023-24 शैक्षणिक सत्र में नये नर्सिंग, डी फार्मा, बी फार्मा, एम फार्मा, डीएमएलटी, फिजियोथेरॉपी, अकुपेशनल थेरॉपी व आनुषंगिक विषयों में शिक्षण संस्थान स्थापित करने वाले आवेदनकारियों को जीआईएस व गैप अनालिसिस रिपोर्ट से संबंधित जानकारी देनी नहीं पड़ेगी।
विभाग की सचिव शालिनी पंडित ने बताया कि प्रचलित व्यवस्था के संबंध में विभिन्न स्तरों से प्राप्त फीडबैक पर एक उच्चस्तरीय कमेटी ने पूर्ण रुप से विचार किया। कमेटी के निर्णय के अनुसार इस तरह के शिक्षण संस्थानों के अव संरचना व सामर्थ्य का आकलन विशेषज्ञ कमेटी द्वारा किया जाएगा। इस आकलन में जिलाधिकारी, अतिरिक्त जिलाधिकारी, प्रखंड विकास अधिकारी व तहसीलदार आदि की शामिल होने की आवश्यकता नहीं है।
इस नयी व्यवस्था से राज्य में अधिक गुणवत्ता संपन्न शिक्षण संस्थान स्थापित होने के साथ साथ राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए प्रशिक्षण प्राप्त मानव संसाध तैयार हो सकेंगे।
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