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निजी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में निजी प्रकाशक की किताबों की स्टॉकिंग करने और बिक्री के खिलाफ होगी कार्रवाई
भुवनेश्वर. ओडिशा के पुलिस महानिदेशक अभय ने जिला राज्य में पुलिस मुख्यालयों तथा डीसीपी को निर्देश दिया है कि वे किताबों के प्रकाशकों के स्टाक तथा कालाबाजारी पर नजर रखें. साथ ही अभय ने कहा है कि वे राज्य के विभिन्न निजी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में निजी प्रकाशक की किताबों की कथित रूप से अवैध रूप से स्टॉकिंग करने और उनकी बिक्री के खिलाफ कार्रवाई करें.
डीजीपी ने यह निर्देश ओडिशा अभिभावक महासंघ के चेयरमैन बासुदेव भट्ट के पत्र के आधार पर दिया है, जिसमें लिखा गया है कि सीबीएसई तथा आईसीएसई मान्यता प्राप्त कुछ स्कूलों से ही विद्यालय से किताब लेने के लिए नोटिस जारी किया है. पत्र में कहा गया है कि निजी प्रकाशकों की किताबों की बिक्री से अच्छी कमाई विद्यालयों को होगी. पत्र के अनुसार, निजी स्कूल जानबूझकर माता-पिता को पुस्तकों की सूची जारी नहीं करते हैं, लेकिन निजी प्रकाशकों से स्टॉक की आपूर्ति करने के लिए कहते हैं. ऐसे में अभिभावकों को स्कूलों से पुस्तकें खरीदने के लिए बाध्य किया जाता है. इसलिए वे सामान्य पुस्तक भंडार से पुस्तकें प्राप्त करने में असमर्थ होते हैं. पत्र में कहा गया है कि मानदंडों के अनुसार, एनसीईआरटी पुस्तकों का उपयोग कक्षा आठ तक के लिए अनिवार्य है, लेकिन सभी अंग्रेजी माध्यम स्कूल निजी प्रकाशक पुस्तकों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे माता-पिता पर भारी वित्तीय बोझ पड़ता है. अभिभावक संघ ने स्कूल और जनशिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव से निजी प्रकाशकों के साथ सांठगांठ के लिए अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और जिला शिक्षा अधिकारियों को एनसीईआरटी की पुस्तकों का लागू कराने के लिए सीबीएसई और सीआईएससीई से संबद्ध निजी स्कूलों की बैठक बुलाने का विशेष निर्देश देने का आग्रह किया है. अभिभावक महासंघ ने यह भी आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने एक अगस्त, 2019 के एमएचआरडी के निर्देशानुसार स्कूल बैग के वजन में कमी के लिए दिशा-निर्देशों के कार्यान्वयन के लिए एक आदेश जारी किया, जिसे जिला कलेक्टरों और डीईओ ने गंभीरता से आदेश को लागू किया.