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कहा- ब्लैकमेलिंग मामले में मुझे मनमाने ढंग से किया गया गिरफ्तार
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मुझे फंसाने वाले सामने क्यों नहीं आते
भुवनेश्वर। महिला ब्लैकमेलर अर्चना नाग आज अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग कर दी। उनको आज भुवनेश्वर में जिला एवं सत्र अदालत के समक्ष प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पेश किया था। इस दौरान मीडिया को दी गयी प्रतिक्रिया में नाग ने आरोप लगाया कि उन्हें मनमाने ढंग से गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने सवाल किया कि यदि कोई शिकार हुआ है, तो वे क्यों छुपे हुए हैं, सामने क्यों नहीं आ रहे हैं।
नाग को कमिश्नरेट पुलिस ने 6 अक्टूबर को सेक्सटॉर्शन और हनी ट्रैपिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। उनके पति जगबंधु चांद को 22 अक्टूबर को भुवनेश्वर में उनके घर से गिरफ्तार किया गया था।
नाग और उनके पति दोनों यहां झारपाड़ की विशेष जेल में बंद हैं। दंपति ने कथित तौर पर प्रभावशाली लोगों को ब्लैकमेल कर चार साल के भीतर 30 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की। फिलहाल मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है।
इके बाद हाई-प्रोफाइल ब्लैकमेलिंग रैकेट की कथित मास्टरमाइंड अर्चना नाग ने आज अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि सीबीआई जांच से मामले के पीछे की सच्चाई सामने आ जाएगी।
मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए कि अर्चना ने कहा कि श्रद्धांजलि क्यों छुपी हुई हैं, तथाकथित पीड़ित कहां हैं?
अर्चना का बयान इसलिए मायने रखता है, क्योंकि कोर्ट से बाहर ले जाते समय उन्होंने मीडिया के सामने इस तरह के चौंकाने वाले खुलासे किए थे।
परिवार को नजरबंद किया गया
अर्चना ने इस मामले में अपनी गिरफ्तारी को मनमाना बताया। उन्होंने कहा कि मुझे मनमाने ढंग से गिरफ्तार किया गया था। मेरी गिरफ्तारी के बाद मेरे परिवार को नजरबंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि छह दिनों तक मैं यह पता नहीं लगा सकी कि मेरे साथ क्या हो रहा है। मुझे अपना चेहरा और आंखें ढक कर अदालत में लाया गया था। मैं इस मामले की सीबीआई जांच चाहती हूं।
फिल्म निर्माता अक्षय परीजा की कथित ब्लैकमेलिंग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने दावा किया कि उन्होंने कभी भी उनसे नकद की मांग या स्वीकार नहीं की।
अर्चना को आज झारपड़ा जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत लाया गया था।
इस बीच, मामले में धन के लेन-देन की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले में और जांच करने के लिए अर्चना की 15 दिन की रिमांड मांगी है।