भुवनेश्वर। कीस फाउंडेशन ने टीबी मुक्त मिशन के तहत कंधमाल जिले को गोद लिया है। इस मौके पर कंधमाल के सांसद डा अच्युत सामंत ने मरीजों को ‘खाद्य टोकरी’ वितरित की और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
बताया गया है कि कीस फाउण्डेशन 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान ‘टीबी हारेगा, देश जीतेगा’ में शामिल हो गया है। कंधमाल लोकसभा सांसद व कीस फाउण्डेशन के संस्थापक प्रो. अच्युत सामंत जिले को टीबी मुक्त करने के प्रयासों से पूरे कंधमाल जिले को गोद ले लिया है।
सोमवार को प्रो. अच्युत सामंत ने टीबी के मरीजों के लिए ‘फूड बास्केट’ वितरण कार्यक्रम की शुरुआत की। भोजन की टोकरी में वयस्क रोगियों के लिए 3 किलो अनाज और बाजरा शामिल थे। बच्चों के लिए 2 किलो अनाज और बाजरा; वयस्कों और बच्चों के लिए क्रमश: 1.5 किग्रा और 1 किग्रा दाल; वयस्कों और बच्चों के लिए 250 ग्राम और 150 ग्राम सब्जियों का खाना पकाने का तेल और वयस्कों और बच्चों के लिए क्रमशः 1 किलो और 750 ग्राम मूंगफली थे।
पहले चरण में, फुलबानी में 6 ब्लॉक और बालीगुड़ा में अन्य 6 ब्लॉक में 39 बच्चों सहित 606 टीबी रोगियों के लिए पोषण आहार वितरण कार्यक्रम शुरू किया गया।
पोषाहार का वितरण हर महीने किया जाएगा। कीस फाउण्डेशन हर महीने 5 लाख रुपये खर्च करेगा और अगले छह महीनों के लिए लगभग 40 लाख रुपये खर्च करेगा। इस अवसर पर प्रो. अच्युत सामंत ने बताया कि मिशन के तहत आने वाले सभी खर्चे कीस फाउण्डेशन वहन करेगा।
मरीजों को भोजन की टोकरी वितरित करते हुए प्रो.अच्युत सामंत ने कहा कि टोकरी वितरित करने का उद्देश्य रोगियों की पोषण संबंधी आवश्यकता को पूरा करना है क्योंकि रोगियों को स्वस्थ करने के लिए केवल दवाई ही काफी नहीं है।
कंधमाल के कलेक्टर आशीष ईश्वर पाटिल ने जिले को गोद लेने की कीस फाउण्डेशन की ऐतिहासिक पहल की सराहना की और कहा कि समर्थन 2025 के लक्षित वर्ष तक देश भर से बीमारी को खत्म करने के भारत सरकार के मिशन में तेजी लाएगा। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ अभय पटनायक भी उपस्थित थे।
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