-
राज्य में कृषि व्यवसाय और कृषि-विपणन को बढ़ावा देने के लिए निजी कंपनियों के साथ साझेदारी करने को इच्छुक ओडिशा
भुवनेश्वर। ओडिशा के कृषि उत्पादों की मांग काफी बढ़ी है। निजी कंपनियों के आगे आने के कारण इसकी मांग में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसे देखते हुए ओडिशा सरकार राज्य में कृषि व्यवसाय और कृषि-विपणन को बढ़ावा देने के लिए निजी कंपनियों के साथ साझेदारी करने को इच्छुक है। राज्य सरकार यहां फूड पैकेजिंग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनायी है।
राज्य में प्रचुर अवसरों के बारे में जानकारी साझा करते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के प्रधान सलाहकार तथा पूर्व मुख्य सचिव असित कुमार त्रिपाठी ने यह बातें कहीं। वह यहां के जनता मैदान में आयोजित मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2022 में एक सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार दूरदेशी कृषि नीतियों को पेश करने, विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास के बहु-आयामी दृष्टिकोण पर काम कर रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार
कृषि मूल्य श्रृंखलाओं को डिजिटाइज करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और क्षेत्र को बढ़ावा देने पर पर काम कर रही है। राज्य सरकार का उद्देश्य निगमों के लिए ओडिशा को पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार बनाने के लिए संभावित निवेशकों को व्यापार करने में आसानी प्रदान करना है।
इस सत्र में असित त्रिपाठी के साथ-साथ प्रदीप कुमार जेना, कृषि उत्पादन आयुक्त-सह-अतिरिक्त मुख्य सचिव, ओडिशा सरकार, अरविंद कुमार पाढ़ी, प्रधान सचिव, कृषि और किसान अधिकारिता विभाग, संजीव कुमार चड्ढा, विशेष सचिव, कृषि और किसान अधिकारिता विभाग, प्रेम चंद्र चौधरी, कृषि और खाद्य उत्पादन निदेशक, येद्दुला विजय, निदेशक, पशुपालन और पशु चिकित्सा सेवाएं भी उपस्थित थे।
इस अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा के विकास में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों का महत्वपूर्ण योगदान है। कंधमाल की हल्दी, कोरापुट की अरेबिका कॉफी, काजू, बाजरा जैसी विशेष फसलों में उत्पादन में पिछले कुछ वर्षों में निरंतर वृद्धि देखने को मिली है। इसके साथ ही मछली और पशु उत्पाद जैसे अंडे, बकरी का मांस और खारे पानी की मछली पालन निर्यात बाजारों में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कृषि-व्यवसाय और कृषि-विपणन को सक्षम करने के लिए इस ठोस आधार के साथ सरकार मूल्य श्रृंखला में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में निजी खिलाड़ियों के साथ साझेदारी करने की इच्छुक है।
प्रदीप कुमार जेना ने कहा कि ओडिशा की प्रगतिशील और निवेशक-अनुकूल नीतियों का मतलब है कि ओडिशा में निवेश निजी खिलाड़ियों को भारत के पूर्वी क्षेत्र के साथ-साथ दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में एक मजबूत आधार देना है।
ओडिशा में क्रूड प्लाम ऑयल एक्सट्रैक्शन मिल की स्थापना के लिए गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड और कृषि और किसान अधिकारिता विभाग के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
ओडिशा सरकार ने एग्रीबिजनेस और एग्री मार्केटिंग की मूल्य श्रृंखला में शामिल अग्रणी खिलाड़ियों से 109 निवेशकों द्वारा 1972 करोड़ रुपये की राशि के निवेश के इरादे से इस कॉन्क्लेव को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया है।
सत्र में विभिन्न व्यवसायियों, सरकारी अधिकारियों, कृषि उद्यमियों आदि सहित कुल 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।