-
यदि सभी पार्टियों में सहमति तो फिर किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए दिक्कत कहां
भुवनेश्वर। शुक्रवार को ओडिशा के विधानसभा में जो हुआ वह ऐतिहासिक था। विपक्षी कांग्रेस, भाजपा के साथ-साथ सत्तारुढ़ बीजद भी किसानों के लिए सदन के बीच में आकर हंगामा किया है। किसानों के लिए सभी पार्टियों के विधायक रोये। किसानों की समस्या का समाधान हो. यदि सभी राजनीतिक पार्टियों में सहमति है तो फिर किसानों के समस्याओं के समाधान में दिक्कत कहां है। इसलिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सर्वदलीय बैठक बुलायें तथा इसके लिए कानून लायें। कानून के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जेल व जुर्माना का प्रावधान हो। कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने शून्य काल में यह बात कही।
उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष विक्रम केशरी आरुख से निवेदन किया कि वह सरकार से बात कर शीघ्र सर्वदलीय बैठक बुलाने की व्यवस्था करें।
मिश्र ने कहा कि भाजपा केन्द्र में सत्ता में है तथा बीजद राज्य में सत्ता में है। दोनों किसानों के लिए मगरमच्छ आंसु बहा रहे हैं। दोनों एक दूसरे पर दोष मढ रहे हैं। यह केवल पद्मपुर के उपचुनाव को ध्यान में रख कर किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बीजद का केन्द्र सरकार के साथ काफी अच्छे संबंध है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हाल ही में इसे सार्वजनिक रुप से स्वीकार भी किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली से फोन आ जाने के कारण बीजद ने अपनी एक राज्यसभा सीट भाजपा के लिए छोड दिया था। अब बीजद केन्द्र सरकार को फोन कर किसानों के समस्याओं दूर करने के लिए कहे। इसमें असुविधा कहां है।
उन्होंने कहा कि सत्तारुढ़ बीजद किसानों के लिए धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढाने की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अब किसानों को 25 सौ रुपये प्रति क्विंटल धान पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दे रही है। राज्य की नवीन सरकार चाहे तो यह कर सकती है। उसे रोका किसने है।