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5-टी सचिव वीके पांडियन ने साझा की मुख्यमंत्री के निर्णय लेने की कहानी
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कहा- एक झटके में ओडिशा में तीन मेडिकल कॉलेजों की संख्या हुई 11, कुछ पाइपलाइन में
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स्वास्थ्य विभाग में नवनियुक्त 203 सहायक प्राध्यापकों को मो सरकार का अनुसरण करने की सलाह
भुवनेश्वर। ओडिशा में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के एक दिन के फैसले ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर ही बदल दी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग में नवनियुक्त 203 सहायक प्राध्यापकों के साथ मुख्यमंत्री की कार्यशैली और निर्णय लेने की कहानी साझा करते हुए 5-टी सचिव वीके पांडियन ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के इस फैसले से एक ही झटके में राज्य में तीन मेडिकल कालेज से 11 मेडिकल कालेज तक संख्या पहुंच गयी और कुछ अन्य अभी पाइपलाइन में हैं। 5-टी सचिव वीके पांडियन लोक सेवा भवन स्थित कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की कार्यशैली का उल्लेख करते हुए नवनियुक्त 203 सहायक प्राध्यापकों को मो-सरकार का अनुसरण करने की सलाह दी। उन्होंने मो-सरकार के सिद्धांतों की व्याख्या करते हुए कहा कि जैसे वे एक पारदर्शी प्रणाली के माध्यम से आये हैं, वैसे ही उन्हें यह भी देखना चाहिए कि उनके पास आने वाले लोगों के साथ सम्मानजनक व्यवहार हो और उन्हें परेशान न किया जाए। इस दौरान ही उन्होंने एक किस्सा साझा करते हुए कहा कि लंबे समय तक राज्य केवल तीन मेडिकल कॉलेजों पर अटका रहा और शिक्षकों की कमी के कारण नये सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं बन सके। एक दिन मुख्यमंत्री ने फैसला किया कि ओडिशा स्वास्थ्य शिक्षा के लिए और इंतजार नहीं कर सकता। राज्य को चिकित्सा शिक्षा के लिए बड़े पैमाने पर आगे बढ़ना है। आज राज्य में 11 मेडिकल कॉलेज हैं और कुछ पाइपलाइन में हैं।