उल्लेखनीय है कि विधानसभा के पहले दिन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सदन में उपस्थित थे। सदन में उपस्थित होकर ही उन्होंने शोक प्रस्ताव पेश किया। मंत्री प्रफुल्ल मलिक व विधायक प्रफुल्ल सामल आज भी सदन में नहीं आये थे। ये दोनों वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के जरिय़े जुड़े थे।
उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी ने इससे पहले वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के जरिये विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति दिये जाने के विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय का विरोध किया था। सर्वदलीय बैठक में भाजपा ने इसको लेकर अपना विरोध दर्ज कराया था। प्रतिपक्ष के नेता जय नारायण मिश्र ने कहा था कि संसद में या फिर किसी भी राज्य की विधानसभा में यह व्यवस्था नहीं है। केवल मुख्यमंत्री को सदन से आने के लिए बचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। यह विधानसभा की गरिमा का अपमान है। भाजपा इसका विरोध करेगी।
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