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पद्मपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव से पहले भाजपा-बीजद आमने-सामने

  •  बरगड़ से पद्मपुर के रास्ते नुआपड़ा तक प्रस्तावित रेलवे परियोजना को लेकर रेल मंत्री ने दिया टुकुनी साहू के पत्र का जवाब

  •  कहा- राज्य सरकार करना है एक सर्वेक्षण, तैयार करना है एक डीपीआर

  • परियोजना के लिए भूमि का अधिग्रहण बाकी

  •  रेल मंत्री ने गिनायी विकास कार्यों की सूची

भुवनेश्वर। ओडिशा में पद्मपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव से पहले बरगड़ से पद्मपुर के रास्ते नुआपड़ा तक प्रस्तावित रेलवे लाइन परियोजना को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ बीजद तथा केंद्र में सत्तारुढ़ भाजपा आमने-सामने आ गयी हैं।
ओडिशा के वाणिज्य और परिवहन मंत्री टुकुनी साहू के पद्मपुर के लिए नई रेलवे लाइन की जल्द मंजूरी के संबंध में पुनर्विचार को लेकर लिखे पत्र के ठीक एक दिन बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को कहा कि राज्य के स्वामित्व वाली ओआरआईडीएल को परियोजना की जिम्मेदारी सौंपी गई है। साहू के पत्र के जवाब में रेल मंत्री ने कहा कि केंद्र ने परियोजना को राज्य सरकार (51 प्रतिशत) और रेल मंत्रालय (49 प्रतिशत) के संयुक्त उद्यम ओडिशा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड (ओआरआईडीएल) को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इसकी जानकारी 31 दिसंबर, 2021 को दी गयी थी।
परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार (ओआरआईडीएल) को एक सर्वेक्षण करना है, एक डीपीआर तैयार करना है और इस उद्देश्य के लिए भूमि का अधिग्रहण करना है। उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय ने परियोजना के शीघ्र क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार से सर्वेक्षण और भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध किया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र ने ओडिशा में रेल संपर्क और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 9,734 करोड़ रुपये मंजूर किया है। इसके अलावा, 38 रेलवे स्टेशनों का भी कायाकल्प किया गया है। वैष्णव ने राज्य के समग्र विकास के लिए ओडिशा सरकार से आवश्यक समर्थन मांगा। साहू ने अपने पत्र में उल्लेख किया था कि साल 2019 में रेल मंत्रालय ने प्रस्तावित नई लाइन को स्थगित कर दिया था, क्योंकि यह रिटर्न की उच्च दर के बावजूद वित्तीय रूप से व्यवहार्य नहीं लगती थी। साहू ने प्रस्तावित रेलवे लाइन परियोजना पर पुनर्विचार और स्वीकृति की भी मांग की थी।
इस बीच, वैष्णव के पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजद प्रवक्ता सस्मित पात्र ने कहा कि राज्य द्वारा मुफ्त में जमीन देने और 300 करोड़ रुपये अतिरिक्त फंड देने की सहमति के बाद रेल मंत्रालय ने काम करने के बजाय राज्य की एक एजेंसी से और सर्वेक्षण करने को कहा है।
उन्होंने कहा कि यह अस्वीकार्य है, क्योंकि ऐसा लगता है कि रेलवे ओडिशा में परियोजना से हाथ धो रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा केवल जुबानी सेवा कर रही है, क्योंकि इस परियोजना को मंजूरी देने का उसका कोई इरादा नहीं है।

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