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ग्रहण में परंपरा तोड़ने वालों पर कार्रवाई की मांग

  •  श्रीमंदिर छतीस नियोग ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को लिखा पत्र

पुरी। ग्रहण के दौरान परंपराओं को तोड़ने और हिन्दुओं को ठेस पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गयी है। पुरी स्थित महाप्रभु श्री जगन्नाथ के श्री मंदिर के
छतीस नियोग के सेवायतों के प्रमुख ने शनिवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को एक पत्र लिखा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से भगवान श्री जगन्नाथ के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करके करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के लिए तर्कवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया।
श्रीमंदिर छतीस नियोग के नायक पाट्टजोशी जनार्दन महापात्र ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिखकर तर्कवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर उन्हें बख्शा गया तो कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। महापात्र ने पत्र में कहा कि हाल ही में देखे गया है कि सूर्य और चंद्र ग्रहणों के दौरान सदियों पुरानी परंपराओं का विरोध करके ऐसे तर्कवादियों ने करोड़ों हिंदुओं की आस्था और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
उनकी की जनभावना को ठेस पहुंचाने वाली करतूतें सिर्फ ग्रहण के दौरान खाना खाने तक ही सीमित नहीं थी, यहां तक कि उन्होंने भगवान राम और उनके भाई लक्ष्मण के खिलाफ अपमानजनक बयान दिया और भगवान श्री जगन्नाथ को प्रसाद के रूप में चावल और चिकन करी चढ़ाने की बात कहकर हदें पार कर दी थी। इसके परिणामस्वरूप कुछ स्थानों पर हिंसा हुई।
महापात्र ने कहा कि ऐसे तर्कवादियों को अपनी मान्यताओं के साथ जीने का अधिकार है, लेकिन उन्हें करोड़ों हिंदुओं की आस्था और धार्मिक विश्वासों के खिलाफ जाने का अधिकार नहीं है।
विशेष रूप से, सूर्य ग्रहण के दौरान तर्कवादियों के एक समूह ने भुवनेश्वर में एक सामुदायिक भोज में चिकन बिरयानी परोसी थी, ताकि उनके दावे की पुष्टि हो सके कि ग्रहण के दौरान भोजन से परहेज करना ‘अंध विश्वास’ के अलावा और कुछ नहीं है। इसने पूरे राज्य में बहस छेड़ दी थी। इसके बाद चंद्र ग्रहण के दौरान लोगों का आक्रोश तब फूटा जब भुवनेश्वर और ब्रह्मपुर में ग्रहण के दौरान भोज दे दिया गया। आक्रोशित लोगों ने भोज देने वालों पर हमला बोल दिया था।

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