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25 हजार रुपये देगी सरकार
भुवनेश्वर। ओडिशा में विभिन्न जांच केंद्रों में भ्रूण लिंग जांच करने वाले अब खैर नहीं होगी। ऐसे जांच केंद्रों की मुखबिरि करने वालों के लिए राज्य सरकार ने इनाम की घोषणा की है। ऐसे केंद्रों का खुलासा करने पर 25 हजार रुपये बतौर इनाम पर दिये जायेंगे। राज्य के
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने मुखबिर प्रोत्साहन योजना को अक्षरशः लागू करने के लिए सभी जिलों को परामर्श जारी किया है। कहा गया है कि यह योजना अच्छे लोगों को पहचानने और पुरस्कृत करने का एक प्रयास है, जो अपने क्षेत्र में अवैध भ्रूण लिंग निर्धारण के बारे में जिला प्रशासन के साथ जानकारी साझा करते हैं। प्रोत्साहन राशि किस्तों में जारी की गयी जायेगी। पुष्टि की गई जानकारी साझा करने के बाद पहली किस्त में 10,000 रुपये, अगर अदालत ने संज्ञान लिया है और आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोप तय किए हैं तथा अभियोजन रिपोर्ट दाखिल करने पर 10,000 रुपये की दूसरी किस्त और अदालती मामले को अंतिम रूप देने और अभियुक्तों की सजा पर 5,000 रुपये तीसरी किस्त दी जायेगी है।
जनसंख्या में लड़कियों की घटती संख्या राज्य और पूरे देश के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। जनसंख्या जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि बाल लिंगानुपात लड़कियों के लिए प्रतिकूल है। एनएफएचएस-5 रिपोर्ट के अनुसार जन्म के समय लिंगानुपात ओडिशा में 894 है। लिंग निर्धारण और लिंग चयन की घिनौनी प्रथा पर अंकुश लगाने के लिए, पूर्व-गर्भाधान और पूर्व-प्रसव निदान तकनीक (लिंग चयन का निषेध) नामक एक कानून) अधिनियम, 1994, संक्षेप में भारत में पीसी और पीएनडीटी अधिनियम लागू किया जा रहा है।