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भारत को और समृद्ध बनाने का अभियान ओडिशा से आरंभ हो – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

  • कहा- अपनी मातृभूमि और अपनी मिट्टी की खुशबू होती है निराली

  •  अपने प्रदेश का आकर्षण होता है अलग

  • मैं ओडिशा आकर बहुत प्रसन्न हूं

भुवनेश्वर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सभी राज्यों के विकास में ही भारत का समग्र विकास निहित है। समृद्ध भारत को और अधिक समृद्ध बनाने का अभियान ओडिशा से आरंभ हो, यह मेरी हार्दिक इच्छा है। उन्होंने कहा कि अपनी मातृभूमि और अपनी मिट्टी की खुशबू निराली होती है। अपने प्रदेश का आकर्षण अलग होता है। मैं ओडिशा आकर बहुत प्रसन्न हूं।
ओडिशा के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति ने भारत की सांस्कृतिक विविधता, एकता और व्यापकता को बढ़ाया है।
मुर्मू ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सब “आजादी का अमृत महोत्सव” मना रहे हैं और 25 साल बाद, स्वाधीनता की शताब्दी मनाएंगे। इसी तरह ओडिशा 14 साल बाद नए राज्य का दर्जा मिलने की शताब्दी मनाएगा। यह समय भारत और ओडिशा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए सबके सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
विकास का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचना जरूरी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि विकास का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचना जरूरी है। भारत में कई जातियों, धर्मों और वर्गों का एक विविधतापूर्ण समावेश है। अगर समाज के कमजोर वर्गों के जीवन स्तर में सुधार नहीं किया जाता है, तो किसी देश या समाज को पूरी तरह से विकसित नहीं कहा जा सकता है।
बेटी होने के नाते इस राज्य पर गर्व है
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ओडिशा के भविष्य को लेकर आप लोग कई सपने जरूर देखते होंगे। आप अपनी सोच में ओडिशा की कैसी तस्वीर देखना चाहते हैं? इस धरती की बेटी होने के नाते मैं भी ओडिशा के बारे में बहुत सपने देखती हूं और मुझे इस पर गर्व है।
ओडिशा को प्रकृति का अनूठा वरदान प्राप्त है। ओडिशा में लंबी तटरेखा है और ओडिशा खनिज, वन और जल संसाधनों से समृद्ध राज्य है। ओडिशा नदियों से भी समृद्ध है। ओडिशा के उपजाऊ खेत, नदी रूपी माताओं का वरदान हैं।
देश का विकसित राज्य बन सकता है ओडिशा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ओडिशा अपने मानव संसाधनों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। यदि प्रकृति के संसाधनों का समुचित उपयोग किया जाए तो ओडिशा भारत का एक विकसित राज्य बन सकता है। विज्ञान के आधार पर बने ओडिशा के अनेक मंदिरों ने भारतीय संस्कृति और सभ्यता को नई दिशा दी।

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