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कीट डीम्ड विश्वविद्यालय का 18वां वार्षिक दीक्षांत समारोह आयोजित

  •  छह विभुतियां डि-लिट की उपाधि विभुषित

  •  दीक्षांत समारोह में कुल 8123 छात्रों ने डिग्री प्राप्त की

  •  6330 बैचलर्स, 1627 मास्टर्स, 163 पीएचडी और 3 को एमफिल डिग्री

भुवनेश्वर। कीट डीम्ड विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर का 18वां वार्षिक दीक्षांत समारोह आज यहां ओएटी, कैंपस-3 में आयोजित हुआ। इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बतौर मुख्य अतिथि इस समारोह की शोभा बढ़ायी तथा उत्तीर्ण बच्चों को डिग्रियां प्रदान कर उनका हौसला अफजाई की।
दीक्षांत समारोह में

वस्तुतः दिए गए अपने दीक्षांत भाषण में, नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. रिगोबर्टा मेनचु तुम ने स्नातकों से आग्रह किया कि वे उन लोगों के लिए कुछ करें जो उनसे कम विशेषाधिकार प्राप्त हैं, भले ही वे अपने पेशेवर करियर को आगे बढ़ा रहे हों। विशिष्ट अतिथि, श्री जॉन डेसमंड फोर्ब्स एंडरसन (लॉर्ड वेवरली), माननीय ब्रिटिश संसद सदस्य, यूके ने कहा कि भारत एक आर्थिक महाशक्ति है और यूके के साथ बहुत कुछ साझा करता है। उन्होंने मुक्त व्यापार समझौते सहित दोनों देशों के बीच सहयोग के क्षेत्रों के विस्तार की वकालत की।
इस दीक्षांत समारोह में हिमांशु गुलाटी, संसद सदस्य, नॉर्वे; बिशो परजुली, प्रतिनिधि और देश निदेशक, डब्ल्यूएफपी इंडिया; एंड्रियास जॉन, वरिष्ठ विदेश नीति सलाहकार, जर्मनी;
डॉ दीपा मल्लिक, पद्मश्री, खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार विजेता तथा अध्यक्ष, भारत की पैरालंपिक समिति; के सुब्रमण्यम, कार्यकारी उपाध्यक्ष, एफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर; तथा प्रबोध मोहंती, प्रबंध निदेशक, एसएन मोहंती समूह को मानद डी.लिट की उपाधि से विभुषित किया गया। दीक्षांत समारोह में 8123 छात्रों ने डिग्री प्राप्त की। इनमें 6330 बैचलर्स, 1627 मास्टर्स, 163 पीएचडी और 3 एमफिल डिग्री शामिल हैं। इस मौके पर प्रो अच्युत सामंत ने महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद 2022 के बैच को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी। प्रोफेसर सामंत ने अपने संदेश में कहा कि विश्वविद्यालय इन कठिन समय में छात्रों के साथ खड़ा रहा और अकादमिक उत्कृष्टता के लिए उनकी शोध में उनका हर तरह से समर्थन किया।
दीक्षांत समारोह में अपने अध्यक्षीय भाषण में कीट-डीयू के चांसलर अशोक कुमार पारिजा ने कहा कि कीट-डीयू अपने छात्रों को सशक्त बनाकर राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे रहा है। इसके पूर्व छात्र देश का निर्माण में योगदान दे रहे हैं, लेकिन इसमें जो बात सबसे बड़ी है, वह है इनकी सलाह और समर्थन भारत में परोपकार के इतिहास में काफी बेजोड़ है।
इस मौके पर प्रो डॉ एसके आचार्य, प्रो-चांसलर और प्रो सस्मिता सामंत, कुलपति ने भी छात्रों को संबोधित किया। दीक्षांत समारोह में 71 छात्रों को उनके उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए पदक प्रदान किये गये। तीन छात्रों को उनके उत्कृष्ट सर्वांगीण और अकादमिक प्रदर्शन के लिए संस्थापक के स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया, जबकि 34 छात्रों को चांसलर के स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया और 30 छात्रों को कुलपति के रजत पदक से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर ननीबाला मेमोरियल गोल्ड मेडल, श्री कृष्ण चंद्र पांडा मेमोरियल गोल्ड मेडल, पीके बाल मेमोरियल गोल्ड मेडल और पीपीएल गोल्ड मेडल भी दिये गये। प्रो जेआर मोहंती, कुलसचिव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

अपने से कमजोर लोगों के लिए कुछ कीजिए
दीक्षांत समारोह में नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ रिगोबर्टा मेनचु तुम ने स्नातकों की हौसला अफजाई के साथ-साथ से आग्रह किया कि आप उन लोगों के लिए कुछ करें, जो आपसे कम विशेषाधिकार प्राप्त हों और भले ही वे अपने पेशेवर करियर को आगे बढ़ा रहे हों।

भारत एक आर्थिक महाशक्ति – यूके
इस मौके पर विशिष्ट अतिथि, जॉन डेसमंड फोर्ब्स एंडरसन (लॉर्ड वेवरली), ब्रिटिश संसद सदस्य, यूके ने कहा कि भारत एक आर्थिक महाशक्ति है और यूके के साथ बहुत कुछ साझा करता है। उन्होंने मुक्त व्यापार समझौते सहित दोनों देशों के बीच सहयोग के क्षेत्रों के विस्तार की वकालत की।

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