भुवनेश्वर। कोविद महामारी के कारण आर्थिक संकट व आजीविका खत्म होने जैसी स्थिति का सामना करने के लिए जनजाति वर्ग के विकास के लिए उठाये गये कदमों को बारे में भुवनेश्वर में एक दो दिवसीय कार्यशाला का मंगलवार को शुभारंभ हुई।
इस कार्यशाला में ओडिशा समेत अन्य राज्यों के जनजातीय लोंगों के हितों को घ्यान में रख कर उठाये गये कदमों के बारे मे चर्चा किये जाने के साथ-साथ जनजातीय लोगों के आजीविका के लिए शुरु किये गये सरकार के कार्यक्रमों पर चर्चा की गई। केन्द्र सरकार के अनुसूचित जनजाति मामलों के मंत्रालय व राज्य सरकार के अनुसुचित जाति व जनजाति विकास विभाग के अधीन एससीएसटीआरटीआई द्वारा संयुक्त रुप से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
केन्द्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अधीन टीआरआई डिविजन के निदेशक सुश्री संगीता गुप्ता इस कार्यशाला में शामिल होकर गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले जनजाति वर्ग के समस्याओं के समाधान के लिए अध्ययन व डाकुमेंटेशन करने पर जोर दिया। एससीएसटीआरटीआई के निदेशक तथा विशेष सचिव डा अखिल बिहारी ओता ने प्रारंभिक भाषण देकर सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया।
इस कार्यशाला में जनजाति शोध संस्थान, उत्कर्ष केन्द्रों के प्रतिनिधि, विशेषज्ञ, राज्य सरकार के अधिकारी, राष्ट्रसंघ के प्रतिनिधि, शोधकर्ता व जनजातीय लोगों के बीत कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं।
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