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नमस्कार महामंत्र विघ्नहर्त्ता है- मुनि जिनेश कुमार
कटक। युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेश कुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में 51 दिवसीय घर-घर 13 घंटे नमस्कार महामंत्र जप कार्यक्रम की सम्पन्न होने पर श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा नमस्कार महामंत्र का सामूहिक सवा लाख जप अनुष्ठान आयोजित किया गया। इसमें 322 भाई-बहिनों ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि जिस प्रकार ज्ञान में केवल ज्ञान बड़ा है, गणधरों में गौतम गणधर मुख्य है, दानों में अभयदान बड़ा है, उसी प्रकार ज्ञानों में केवल ज्ञान उसी प्रकार मंत्रों में नमस्कार महामंत्र श्रेष्ठ है। नमस्कार महामंत्र विघ्नहर्ता है। नमस्कार महामंत्र चौदह पूर्वों का सार है। नमस्कार महामंत्र के जप से उपसर्ग, उपद्रव, कलह, तनाव, अशांति आदि समस्याएं दूर हो जाती हैं। नमस्कार महामंत्र के जप से भव-भव के बंधन टूट जाते हैं। इससे ग्रह-दोष दूर हो जाते हैं। सामूहिक जाप से ऊर्जा का प्रवाह प्रवाहित होता है। जप से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है। आभामंडल पवित्र होता है। घर के वातावरण को शुद्ध करने के उद्देश्य से घरों में 13 घंटे का जप कार्यक्रम आयोजित किया गया, जो 51 दिन आयोजित हुआ। जप के साथ 51 दिनों में कुल 3955 सामायिक हुई। आज नमस्कार महामंत्र का सवा लाख जप अनुष्ठान दो घंटे में हुआ। इसमें तेरापंथ जैन समाज से लगभग 322 श्रद्धालु बैठे।
आभार ज्ञापन तेरापंथी सभा के मंत्री चैनरूप चौरड़िया ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में तेरापंथी सभा, तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ कन्या मंडल, तेरापंथ किशोर मंडल, ज्ञानशाला परिवार आदि के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।
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