Home / Odisha / ओडिशा के 160 से अधिक समुदायों को एसटी में शामिल करने की मांग

ओडिशा के 160 से अधिक समुदायों को एसटी में शामिल करने की मांग

  •  मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने फिर केंद्र को लिखा पत्र

  •  केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री से निर्धारण में तेजी लाने का अनुरोध किया

भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक बार फिर ओडिशा के 160 से अधिक समुदायों को राज्य की एसटी (अनुसूचित जनजाति) सूची में शामिल करने की मांग दोहराई है। इसे लेकर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शुक्रवार को केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा को एक पत्र लिखा है। ओडिशा सरकार ने आदिवासी मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार से राज्य के 160 से अधिक समुदायों को जनजाति सलाहकार परिषद की मंजूरी के साथ राज्य की एसटी सूची में शामिल करने की सिफारिश की है। इनमें से कुछ नई प्रविष्टियां शामिल हैं। पत्र में पटनायक ने लिखा है कि कुछ अन्य उप-जनजाति/उपसमूह, राज्य के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले मौजूदा एसटी समुदायों के पर्यायवाची और ध्वन्यात्मक रूपांतर हैं, जिन्हें एसटी द्वारा प्राप्त लाभों से वंचित किया जा रहा है, जबकि उनके पास उनके संबंधित अधिसूचित एसटी के समान आदिवासी विशेषताएं हैं। उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत एक टास्क फोर्स ने वर्ष 2014 में राज्य की एसटी सूची में शामिल करने के लिए प्राथमिकता के मामलों के रूप में ओडिशा से 9 प्रस्तावों की सिफारिश की थी, लेकिन इसे अभी तक राष्ट्रपति के आदेश में अधिसूचित नहीं किया गया है। उन्हें एसटी सूची में शामिल करने में देरी के कारण राज्य के इन सभी 160 से अधिक समुदाय ऐतिहासिक अन्याय का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से इस लंबे समय से लंबित मामले को देखने और भारत के संविधान के प्रावधानों के अनुसार सामाजिक न्याय देने के लिए छूटे हुए समुदायों के निर्धारण में तेजी लाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह मांग इन वंचित समुदायों को एसटी के रूप में उनकी आवश्यक पहचान देकर और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करके उनकी मदद करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि वर्ष 2011 और उसके बाद से उन्होंने इस संवेदनशील मामले पर भारत सरकार के साथ कई बार संवाद किया है। उन्होंने मंत्री से लंबे समय से लंबित मामले को संबोधित करते हुए तत्काल कार्रवाई करने और उन समुदायों के साथ न्याय करने का आग्रह किया जो दशकों से अपनी उचित शिकायतों के निवारण के लिए इंतजार कर रहे हैं।

Share this news

About desk

Check Also

धान खरीद में कटनी व छटनी की प्रक्रिया होगी बंद

बरगढ़ जिले में 20 नवंबर से शुरू होगी धान की खरीद किसानों के हित में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *