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खून की जाचं में कारोना नेगेटिव पाया गया
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वीएसएस मेडिकल से फिलहाल नहीं मिलेगी छुट्टी
संबलपुर। कोलकात्ता से आए खून जांच रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि वीर सुरेन्द्र साय इंष्टीटयुट ऑफ मेडिकल साइंस में चिकित्साधीन युवक कोरोना वायरस से ग्रसित नहीं है, बल्कि वह इनफलूएंजा से ग्रसित है। युवक का इलाज कर रहे वीर सुरेन्द्र साय इंष्टीटयुट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च के छाती एवं यक्ष्मा विभाग के मुख्य प्रोफेसर डा. सुदर्शन पोथाल ने बताया कि कोरोनी नेगेटिव होने के बावजूद मरीज को फिलहाल अस्पताल से छुट्टी नहीं दी जाएगी। चूंकी वह इनफलूएंजा से ग्रसित है, इसलिए उसे आइसोसलेटेट वार्ड में ही पूरी सुरक्षा के तहत इलाज किया जाएगा। उसके स्वस्थ होने के बाद सरकार को मामले की जानकारी प्रदान की जाएगी। सरकारी निर्देश के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। डा. पोथाल ने कहा कि अब मरीज के माता-पिता एवं परिवार के सदस्य निर्भय होकर उससे मुलाकात कर सकेंगे। गौरतलब है कि पीडि़त युवक दक्षिण कोरिया के किसी कंपनी में काम करता था। वहांपर जब कुछ लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ गए तो सुरक्षा के लिहाज से वह स्वदेश लौट आया। इस दौरान दिल्ली में उसका इलाज किया गया और उसे घर जाने की इजाजत दे दी। युवक जब अपने घर सुंदरगढ़ जिला के हेमगिर पहुंचा तो उसे सर्दी एवं जुकाम की शिकायत आरंभ हो गई। घरवालों ने तत्काल उसे सुंदरगढ़ अस्पताल पहुंचाया। वहांपर डाक्टरों ने इलाज के बाद कोरोना वायरस से ग्रसित होने का संदेह किया और उसे वीर सुरेन्द्र साय इंष्टीटयुट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च स्थानांतरित कर दिया। तब से वह युवक वीएसएस मेडिकल के विशेष कक्ष में इलाजरत है। अब जब यह साफ हो गया कि उसके रक्त में कोरोना वायरस नहीं है तो उसके परिवार वर्ग का खुश होना लाजिमी है।