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झारखंड के गलुडीह बैराज से लगभग 6 लाख क्यूसेक पानी का हो रहा निष्कासन
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सुवर्णरेखा नदी में बाढ़ के खतरे को लेकर सरकार तैयार
भुवनेश्वर। महानदी में समग्र बाढ़ की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार होने के बीच डिप डिप्रेशन के कारण लगातार बारिश से सुवर्णरेखा नदी में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। इसे लेकर राज्य सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं तथा सर्वाधिक प्रभावित होने वाले बालेश्वर तथा मयूरभंज जिलों में ओड्राफ, दमकल सेवाओं की अतिरिक्त 58 टीमों को दोनों जिलों में भेज दिया है।
विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) प्रदीप जेना ने कहा कि बालेश्वर, मयूरभंज, केंदुझर और पड़ोसी झारखंड सहित कई जिलों में डीप डिप्रेशन सिस्टम के प्रभाव में भारी बारिश हुई।
झारखंड के गलुडीह बैराज के 16 गेटों के माध्यम से लगभग 6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे ओडिशा के बालेश्वर और मयूरभंज जिलों में बाढ़ की बड़ी आशंका है। उन्होंने बताया कि सुवर्णरेखा के समीपवर्तीय निचले इलाके सर्वाधिक प्रभावित हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि जमसोला में पानी खतरे के निशान से चार मीटर ऊपर बह रहा था। उन्होंने बताया कि इस नदी में बाढ़ आने से बलियापाल, भोगराई, जलेश्वर और बस्ता क्षेत्र प्रभावित होंगे।
साल 2008 की तुलना में अधिक होगा प्रभाव
एसआरसी ने कहा कि सुवर्णरेखा के बाढ़ का प्रभाव साल 2008 में आई बाढ़ की तुलना में अधिक होगा। स्थिति और खराब होने की संभावना है। इसलिए हमें सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि बूढ़ाबलंगा में बाढ़ जैसी स्थिति नहीं बनेगी।
महानदी में हो रहा सुधार
एसआरसी ने बताया कि महानदी नदी में अब बाढ़ की स्थिति नहीं है। समग्र स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि कंधमाल, बौध और कलाहांडी जिलों में बारिश हुई है, लेकिन ज्यादा असर नहीं होगा, क्योंकि हीराकुद बांध के द्वार बंद कर दिये गये हैं। मुंडली के माध्यम से बहिर्वाह अब 8.30 लाख क्यूसेक है, जिससे समग्र बाढ़ की स्थिति में सुधार हो रहा है। एसआरसी ने कहा कि अब नुकसान का आकलन करने के प्रयास जारी हैं।