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राहत बचाव का जायजा लेने पहुंचे मंत्री रणेंद्र प्रताप स्वाईं
कटक। जिले के आठगढ़ प्रखंड के अमंगेईकुड़ा में महानदी नदी के बीच टापू पर बाढ़ के पानी में पांच दिनों से फंसे पिता-पुत्र को ओड्राफ की टीम ने बचा लिया। बताया जाता है कि पिता और पुत्र अपनी बकरियां चराने गये थे। इसी दौरान अचानक बाढ़ के कारण दोनों फंस गये। उनके घर नहीं लौटने पर उनके परिवार के सदस्यों ने उनको ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन उनके मोबाइल फोन भी बंद थे। इससे उनसे संपर्क करना मुश्किल हो गया। इसके बाद
ग्रामीणों की सूचना पर जिला प्रशासन हरकत में आया। ओड्राएफ की एक टीम बीती रात वहां पहुंची और आज बचाव अभियान शुरू किया। स्थिति का जायजा लेने आज मंत्री रणेंद्र प्रताप स्वाईं भी मौके पर पहुंचे। वह अभियान खत्म होने तक नदी के एक किनारे बैठे। उन्होंने पिता-पुत्र को बचाने को लेकर ओड्राफ की टीम की सराहना की।
बचाव अभियान के पिता और उसके बेटे का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। दोनों लगभग स्वस्थ हैं। पिता ने कहा कि बचाये जाने के बाद हमें एक नया जीवन मिला है। हमारे पास खाना खत्म हो गया था और हम भूखे थे। किसी तरह से हम जिंदा रहे। ओड्राफ की टीम के अनुसार, यह एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन था। पानी की तेज धारा के कारण नाव का ठीक से आगे नहीं बढ़ रहा था। हालांकि, हम पिता-पुत्र की जोड़ी को बचाने के लिए दृढ़ थे और अंत में सफल रहे।
इधर, मुंडली बैराज में आज सुबह नौ बजे बाढ़ लगभग 11.77 लाख क्यूसेक पानी बह रहा था।
हीराकुद बांध का जलाशय स्तर 626.47 फीट था तथा अंतर्वाह 6.24 लाख क्यूसेक था, जबकि बहिर्वाह 6.81 लाख क्यूसेक था। खैरमल में अधिकतम जल प्रवाह 9.84 लाख क्यूसेक था। इसके बरमूल पहुंचने में 12 घंटे और मुंडली पहुंचने में 12 घंटे लगेंगे। पिछले तीन घंटे में पानी का बहाव 23 से 24 हजार क्यूसेक कम हो गया है। खैरमल का पानी जब मुंडाली पहुंचेगा तो करीब 10 लाख क्यूसेक पानी बहेगा। हीराकुद बांध से 40 स्लुइस गेटों से अतिरिक्त पानी छोड़ा जा रहा है।